8th Pay Commission : एक करोड़ से अधिक कर्मचारी और पेंशन भोगियों के लिए बड़ी खबर है। नए वेतन आयोग को लेकर लगातार चर्चा की जा रही है। ऐसा लगता है कि करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों में पेंशन भोगियों को बजट में सरकार द्वारा नए वेतन आयोग के गठन का लाभ दिया जा सकता है।
हालांकि अब एक नई खबर निकलकर सामने आ रही है। जिससे कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को बड़ा झटका लग सकता है। एक बार फिर से आठवें वेतन आयोग से जुड़ी खबर में फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक आठवीं वेतन आयोग का गठन नहीं करने का भी विकल्प सरकार द्वारा चुना जा सकता है।
इसके साथ ही एक पूरे पे पैनल सिस्टम को खत्म कर देने का भी विचार किया जा सकता है। फिलहाल इस पर किसी भी तरह के आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। बता दे कि मोदी सरकार ने जनवरी 2016 में सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू की थी। 10 साल होने पर स्पाइन का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को पूरा कर लिया जाएगा। सातवें पे कमीशन से पहले छठे और पांचवें तथा चौथ पर कमीशन का कार्यकाल भी 10 साल का रिकॉर्ड किया गया था। यही वजह है कि अब एक बार फिर से नए वेतन आयोग के गठन की मांग तेज हो गई है।
हालांकि सरकार के कहना है कि पे पैनल की अवधि निश्चित नहीं है। ऐसे में अब एक नए सिस्टम के बनाने की खबर नई सरकारी कर्मचारी की चिंता को बढ़ा दिया है। यदि पे पैनल की अवधि निश्चित नहीं है तो माना जा रहा है कि सातवें वेतन आयोग को ही लागू रखा जा सकता है।
वेतन पैनल की अवधि निश्चित नहीं
सरकार ने कहा है कि वेतन पैनल की अवधि निश्चित नहीं है। जैसा की व्यापक रूप से माना जाता है। अब एक नई व्यवस्था की खोज की जा सकती है। ऐसी खबर है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए नए वेतन सिस्टम पर भी काम कर सकती है।
यदि ऐसा होता है तो कर्मचारियों की चिंता बढ़ने वाली है। सरकार और कर्मचारी संगठन के बीच में बैठक में शामिल सूत्रों के बाद में तो सरकार केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी में बदलाव के लिए नए पे कमीशन के गठन की जगह एक नया तरीका अपना सकती है। इससे पहले भी रिपोर्ट आई थी। इसमें पता चला था कि केंद्र सरकार पर कमीशन की जगह नए सिस्टम की शुरुआत कर सकती है।
सैलरी और पेंशन के बदलाव के लिए 10 साल के अंतराल पर कमीशन का गठन
सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन के बदलाव के लिए 10 साल के अंतराल पर कमीशन का गठन किया जाता रहा है। वर्तमान तक स्थिति ऐसी ही रही है। वहीं संसद में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट किया था कि फिलहाल सरकार के पास आठवीं पे कमीशन के गठन पर किसी भी तरह का प्रस्ताव नहीं है। सरकार इस पर विचार नहीं कर रही है।
सरकार द्वारा अगले पे कमीशन के लिए किसी तरह का प्लान ना होने की जानकारी देने के बादअखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ ने पिछले महीने ऐलान किया था कि अगर उनकी मांग को नहीं माना जाता है तो कर्मचारी राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन कर सकते हैं।
इसके साथ ही बजट में नए वेतन आयोग के गठन की मांग सरकारी कर्मचारी संघ द्वारा की जा रही है। 3 दिसंबर को इसके लिए पत्र भी लिखा गया है। जिसमें जेएससीए के कर्मचारी पक्ष ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिश को लागू हुए 9 साल होने की बात कही है। साथ ही अगले वेतन और पेंशन संशोधन को 2026 तक लागू करने की मांग की है।
यदि वेतन आयोग का गठन होता है तो कर्मचारियों के वेतन में बड़ा इजाफा देखा जाएगा। इसके साथ ही पेंशन भोगियों के पेंशन में भी बढ़ोतरी की संभावना निश्चित है।