8th Pay Commission : केंद्र की मोदी सरकार द्वारा एक करोड़ कर्मचारियों में पेंशनर्स को बड़ी राहत दी गई है। दरअसल उनके लिए नए वेतन आयोग का गठन किया जाएगा। आठवीं वेतन आयोग का गठन किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले का लाभ राज्यों के कर्मचारियों को भी मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
26 लाख राज्य कर्मचारी और पेंशन भोगियों की उम्मीद बढ़ गई है। जिस तरह वेटन आयोग के गठन में तेजी दिखाई दे रही है।पूरी संभावना है की आयोग की सिफारिश लागू करने में भी तेजी दिखाई जाएगी। इसके साथ ही केंद्र सरकार के अधीन मंत्रालय के करीब 6 लाख कर्मचारियों पेंशनर्स को इससे लाभ मिलेगा।
वहीं राज्य के रेलवे के लगभग 2 लाख कर्मचारी और साढे तीन लाख पेंशनर डेढ़ लाख आयकर सहित अन्य केंद्रीय मंत्रालय के कर्मचारी और पेंशनर्स को यह राहत मिलने वाली है। इंडियन पब्लिक सर्विस एम्पलाइज एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा का कहना है कि संगठन लगता है। इसकी गठन की मांग कर रहा था।
2016 में सातवें वेतन आयोग लागू
यदि आठवी वेतन आयोग के गठन की चर्चा और सिफारिश को लागू करने की संभावना में तेजी दिखाई जाती है तो इसका लाभ उत्तर प्रदेश के 26 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स को भी मिल सकता है। वर्ष 2016 में सातवें वेतन आयोग लागू किए गए थे। अब आठवीं वेतन आयोग के रिपोर्ट सरकार नेवर्ष 2026 तक मांगी है।ऐसे में रिपोर्ट आते ही सिफारिश लागू करने में देर नहीं की जाएगी।
18000 रुपए से बढ़कर 34000 तक पहुंचाने की उम्मीद
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी कहते हैं कि राज्य के 14 लाख सरकारी कर्मचारी और 12 लाख पेंशनर्स को डबल इंजन सरकार का लाभ मिलेगा क्योंकि केंद्र और राज्य दोनों में एनडीए की सरकार है। ऐसे में इसे लागू होने में तेजी दिखाई जा सकती है। सातवें वेतन आयोग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन ₹7000 से बढ़कर 18000 रुपए किए गए थे। इसके साथ ही अब इसके 18000 रुपए से बढ़कर 34000 तक पहुंचाने की उम्मीद जताई जा रही है।
वेतन और पेंशन में तेजी
बता दे कि किसी भी योजना को लागू करने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहता है। ऐसे में आठवीं वेतन आयोग की सिफारिश भी केंद्र में लागू होती है तो 6 महीने के भीतर उत्तर प्रदेश में से लागू किया जा सकता है। जिसके साथ उत्तर प्रदेश के 26 लाख कर्मचारियों में पेंशनर्स को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही उनके वेतन और पेंशन में तेजी देखी जाएगी।