8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है! केंद्र सरकार ने आखिरकार 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। इस घोषणा के साथ ही कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी की उम्मीदें जाग उठी हैं।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद न्यूनतम बेसिक सैलरी कितनी होगी? आइए, इस लेख में हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं और समझते हैं कि फिटमेंट फैक्टर क्या होता है और यह कर्मचारियों की सैलरी को कैसे प्रभावित करता है।
न्यूनतम बेसिक सैलरी में कितनी बढ़ोतरी की उम्मीद?
विशेषज्ञों के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.6 से 2.85 तक रहने की संभावना है। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.85 रहता है, तो कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी में 25 से 30% तक की वृद्धि हो सकती है।
वर्तमान में न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 प्रति माह है। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.85 होता है, तो यह बढ़कर ₹40,000 से ₹45,000 प्रति माह तक हो सकती है।
फिटमेंट फैक्टर क्या होता है?
फिटमेंट फैक्टर एक गुणांक (Multiplication Coefficient) है जिसका उपयोग सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन की गणना में किया जाता है। यह फैक्टर मुद्रास्फीति, कर्मचारियों की आर्थिक आवश्यकताओं और सरकार की वित्तीय स्थिति जैसे कारकों को ध्यान में रखकर तय किया जाता है।
सरल शब्दों में कहें तो, यह एक संख्या है जिससे मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी निर्धारित की जाती है।
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसके आधार पर कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 निर्धारित की गई थी। इससे पहले, 6वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था।
यह दर्शाता है कि हर वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर में बदलाव होता है, जो कर्मचारियों की सैलरी पर सीधा प्रभाव डालता है।
पेंशन में कितनी बढ़ोतरी हो सकती है?
सिर्फ कर्मचारियों की सैलरी ही नहीं, बल्कि रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन में भी बढ़ोतरी की संभावना है। यदि सरकार 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 को मंजूरी देती है, तो पेंशन में लगभग 186% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इस स्थिति में, न्यूनतम पेंशन ₹9,000 से बढ़कर लगभग ₹25,740 प्रति माह तक पहुंच सकती है।