हम सभी जानते हैं कि RBI द्वारा कुछ समय पहले पेटीएम बैंक सर्विस को बंद कर दिया गया था, जिससे लोगों को काफी परेशानी भी हो रही थी। अब आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स को लेकर एक और अपडेट जारी किया है और इसके लिए कुछ नए दिशा निर्देश भी बताएं।
RBI ने पेटीएम को लेकर जारी किए निर्देश
इस समय आरबीआई द्वारा बताया गया है कि, पेटीएम पेमेंट्स बैंक 15 मार्च के बाद अपने ग्राहक के खातों और वॉलेट में कोई भी क्रेडिट स्वीकार नहीं कर सकता है। इसके लिए कुछ अतिरिक्त कदम भी आवश्यक हो गए हैं इसमें पेटीएम पेमेंट्स बैंक द्वारा संचालित @paytm’ हैंडल का उपयोग करके UPI ग्राहक द्वारा डिजिटल भुगतान सुनिश्चित करना और कई भुगतान एव सेवा प्रदाताओं के साथ यूपीआई सिस्टम में जारी जोखिम को भी कम करना शामिल है।
नए दिशा-निर्देश
नए दिशा-निर्देश में आरबीआई ने कहा है कि, उक्त टीपीएपी द्वारा कोई नया उपयोगकर्ता नहीं जोड़ा जाएगा। आरबीआई ने कहा है कि ‘@paytm हैंडल का अन्य बैंकों में निर्बाध प्रवासन के लिए, NPCI 4-5 बैंकों को भुगतान सेवा प्रदाता (PSP) बैंकों के रूप में प्रमाणित करने की सुविधा दे सकता है। इसके साथ ही पेटीएम क्यूआर कोड का उपयोग करने वाले व्यापारियों OCL एक या अधिकPSP बैंकों (पेटीएम पेमेंट्स बैंक के अलावा) के साथ खाते खोल सकता है।
पेटीएम ने UPI चैनल के लिए दिया आवेदन
पेटीएम ने UPI चैनल के लिए थर्ड पार्टी एप्लिकेशन प्रदाता (TPAP) बनने का आवेदन दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने एनपीसीआई से वन97 कम्युनिकेशन लिमिटेड (OCL) के अनुरोध की जांच करने को भी कहा है। आरबीआई ने इन्हें सलाह दी है कि, वह ओसीएल को TPAP दर्जा प्रदान करने की स्थिति में, यह सुनिश्चित करे कि ‘@paytm’ हैंडलों को पेटीएम पेमेंट्स बैंक से नए पहचाने गए बैंकों के एक समूह में निर्बाध रूप से माइग्रेट किया जाए।
इसके बाद आरबीआई ने यह बताया है, की UPI हैंडल का माइग्रेशन केवल ऐसे ग्राहकों और व्यापारियों पर लागू होता है, जिनके पास UPI हैंडल ‘@Paytm है। जिनके पास ‘@Paytm के अलावा कोई अन्य यूपीआई हैंडल है, तो उन्हें किसी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है।
15 मार्च से पहले वैकल्पिक व्यवस्था करने के दिए निर्देश
वही RBI ने बताया है, की पेटीएम पेमेंट्स बैंक द्वारा जारी फास्टैग और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) धारक, 15 मार्च, 2024 से पहले वैकल्पिक व्यवस्था कर सकते हैं। आरबीआई ने बताया है कि यह सभी कदम ग्राहकों के हित में जारी किये गये है, ताकि भुगतान प्रणाली से जुड़े संभावित व्यवधानों से वह बच सके।