Diesel Vehicles Ban In India: देशभर में लगातार बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार जल्द ही डीजल वाहनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। इसे लेकर डेडलाइन भी तय हो चुकी है।
बताया जा रहा है कि जल्द ही 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में डीजल वाहनों की एंट्री बंद कर दी जाएगी। अगर आपके पास डीजल वाहन है या आप नया खरीदने का सोच रहे हैं, तो यह खबर आपको चौंका देगी!
हर साल सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है! अब 2027 से देशभर में डीजल वाहनों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी। इससे पहले 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में डीजल वाहनों पर प्रतिबंध शुरू होगा।
खत्म होगा डीजल वाहनों का दौर
भारत में डीजल वाहनों का दौर अब धीरे-धीरे खत्म होने की कगार पर है। सरकार ने एक बड़ी घोषणा करते हुए डीजल वाहनों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाने की योजना तैयार कर ली है।
खासकर दिल्ली और एनसीआर में हर साल सर्दियों के दौरान बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। इस बैन का उद्देश्य न केवल वायु प्रदूषण को कम करना है, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देना भी है।
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क्या आप जानना चाहते हैं कि इस बदलाव से आपकी जिंदगी कैसे प्रभावित होगी और कब तक डीजल वाहन खरीदने का मौका रहेगा? तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें!
डीजल वाहनों पर बैन क्यों ज़रूरी?
दिल्ली-एनसीआर और देश के अन्य बड़े शहरों में हर साल सर्दियों के महीनों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है। इसका मुख्य कारण डीजल वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण है, जो वायु में छोटे-छोटे कण छोड़ते हैं।
इन कणों के कारण सांस लेने में तकलीफ, फेफड़ों की बीमारियां और दिल के रोग बढ़ने का खतरा रहता है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने बार-बार दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर चिंता जताई है, जिसके चलते सरकार अब डीजल वाहनों पर रोक लगाने की दिशा में कदम उठा रही है।
2027 से पूरी तरह बैन
सरकार ने ऊर्जा संक्रमण सलाहकार समिति की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए, 2027 से डीजल वाहनों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने का प्रस्ताव पेश किया है।
इसका मतलब है कि आने वाले ढाई सालों में देश में डीजल वाहनों का उत्पादन और बिक्री पूरी तरह से बंद हो जाएगी। इससे पहले डीजल वाहनों की उम्र 10 साल तक सीमित थी, लेकिन अब उनकी बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
डीजल वाहनों से निकलने वाला धुआं वातावरण में भारी मात्रा में प्रदूषण फैलाता है, जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए खतरनाक है। सर्दियों में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है।
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इसलिए सरकार ने 2027 तक डीजल वाहनों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला किया है। यानी अब सिर्फ ढाई साल तक ही डीजल वाहन सड़कों पर चल पाएंगे।
किन शहरों में लगेगा सबसे पहले बैन?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुरुआती दौर में सरकार की योजना है कि उन शहरों पर डीजल वाहनों पर बैन लगाया जाए जहां की आबादी 10 लाख से अधिक है।
ऐसे शहरों में बढ़ते प्रदूषण की समस्या को देखते हुए यह प्रतिबंध सबसे पहले लागू किया जाएगा। धीरे-धीरे यह प्रतिबंध पूरे देश में फैलाया जाएगा और डीजल वाहन पूरी तरह से इतिहास बन जाएंगे।
इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलेगा बढ़ावा
सरकार के इस कदम का एक और मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है। इसके लिए जल्द ही सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी योजना की घोषणा करने वाली है, जिससे लोग आसानी से ईवी खरीद सकें।
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क्या करें मौजूदा डीजल वाहन मालिक?
जो लोग अभी डीजल वाहन चला रहे हैं, उनके लिए चिंता की कोई बात नहीं है, लेकिन उन्हें यह ध्यान रखना होगा कि दिल्ली एनसीआर में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों के चलने पर पहले से ही प्रतिबंध लगा हुआ है।
यदि ऐसे वाहन पकड़े जाते हैं, तो वाहन मालिकों पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। इसलिए, मौजूदा डीजल वाहन मालिकों को सलाह दी जाती है कि वे समय रहते ईवी या पेट्रोल वाहनों की ओर रुख करें, क्योंकि भविष्य में डीजल वाहन चलाना और मुश्किल हो जाएगा।
भविष्य की तैयारियां
सरकार आने वाले समय में और भी सख्त कदम उठाने की योजना बना रही है ताकि देश को प्रदूषण मुक्त बनाया जा सके।
ऐसे में डीजल वाहन खरीदने का विचार फिलहाल टालना ही बेहतर होगा, ताकि भविष्य में नुकसान से बचा जा सके।
ईवी और पेट्रोल वाहन इस समय बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं, जिससे न केवल आपके पैसे बचेंगे, बल्कि पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।