India Banned Spices : हमारे किचन में कई तरह के मसाले हैं। जो रोगों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसके साथ ही भोजन सुरक्षित और स्वादिष्ट बनते हैं। हर किचन में हर रोज खाना पकाने में इनका इस्तेमाल किया जाता है।
दालचीनी, लॉन्ग, अजवाइन जैसे मसाले जीवाणु अवरोधी गन पाए जाते हैं। जो खाने को फफूंद आदि से दूर करते हैं।
ऐसे में मसाले का उपयोग हर घर की जरूरत है। हालांकि कुछ मसाले भारत में बैन है। एफएसएसएआई द्वारा इन मसाले को बैन किया गया है। दरअसल फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा जांच में दूषित पाए जाने के बाद इन मसाले पर बैन लगा दिया गया ।
FSSAI ने पाउडर मसाले को बैन किया है। एफएसएसएआई के द्वारा आर्टिफिशियल कलर, स्टार्ट, चौक पाउडर का इस्तेमाल किए जाने के बाद मसाले की गुणवत्ता में कमी आई है।
जो एलर्जी लेवल डिसऑर्डर जैसे स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर रहा है। ऐसे में कई दुकानों पर इन मसाले को खुले आम बेचा जा रहा है।
पिसे हुए मसाले की शुद्धता की जांच भी आवश्यक
मार्केट में पिसे हुए मसाले की शुद्धता की जांच भी आवश्यक है क्योंकि पिसे हुए मसाले में कई तरह के आर्टिफिशियल कलर के अलावा चौक पाउडर का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जो सेहत के लिए नुकसानदेह स्थापित हो रहा है।
फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भारत में कुछ मसाले को प्रतिबंधित किया है और इसे जांचने की प्रक्रिया पर भी ध्यान देने की बात कही है।
लाल मिर्च
लाल मिर्च पाउडर लोग जरूर खरीदते हैं। ऐसे में इसे जांचने के लिए एक सरल सा उपाय बताया गया है। एक गिलास पानी में लाल मिर्च पाउडर डालें। कुछ देर बाद आप चेक करेंगे अगर यह रंग छोड़ता है।
मतलब यह नकली है और इसमें आर्टिफिशियल कलर का इस्तेमाल किया गया है। वहीं अगर यह पानी में नीचे बैठ जाता है तो कलर कम छोड़ता है तो यह मसला शुद्ध है और इसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
हल्दी पाउडर की शुद्धता
साथ ही हल्दी पाउडर की शुद्धता की वजह से आवश्यक हो गई है। एक गिलास पानी में छोटी चम्मच हल्दी मिक्स करिए। कुछ देर बाद चेक करिए।
अगर हल्दी गाढ़ा रंग छोड़ती है तो फिर इसमें आर्टिफिशियल कलर का इस्तेमाल किया गया है। जबकि अगर यह हल्का रंग छोड़ती है तो यह हल्दी शुद्ध और इस्तेमाल करने लायक है।
आटे की शुद्धता
आटे की शुद्धता की जांच की भी प्रक्रिया बताई गई है। एक चम्मच आटा पानी में मिक्स करने के बाद अगर यह गिलास में बैठ जाता है तो मतलब यह मिलावटी नहीं है। यदि आटा ऊपर तैरने लगता है तो इसमें चोकर और अन्य खाद्य पदार्थ की मिलावट आटा को दूषित बना सकती है।
नेपाल सहित अन्य देशों में मसाला कंपनियों के प्रोडक्ट बैन
इस साल के जून महीने में नेपाल सहित अन्य देशों में भारत की दो बड़ी मसाला कंपनियों के प्रोडक्ट को बैन कर दिया गया है। MDH और एवरेस्ट के कई मसाले में कथित रूप से हानिकारक केमिकल पाए जाने की बात सामने आई थी। जिसके बाद सिंगापुर और हांगकांग सहित नेपाल में इन दोनों कंपनियों के मसाले को बैन किया गया है।
इन दोनों मसाला कंपनी के कुछ उत्पादों में कथित रूप से इथलीन ऑक्साइड की मात्रा ज्यादा मिली थी। इथलीन ऑक्साइड एक तरह का पेस्टिसाइड होता है। जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है।
जिसके बाद हांगकांग में MDH के तीन मसाले करी पाउडर, मसाला पाउडर और सांभर मसाला के साथ ही एवरेस्ट के फिश करी मसाला में असलीन ऑक्साइड से मात्र से अधिक होने का दावा करते हुए इस पर बैन लगा दिया था।
हांगकांग के बाद सिंगापुर और नेपाल ने भी इन मसाले को बैन किया हुआ है। हालांकि भारत में फिलहाल इस मसाले की बिक्री जारी है।
इसी बीच कुछ मसाले से लगातार बढ़ रही पेट की समस्याओं और अन्य रोगों को देखते हुए एफएसएसएआई ने इन मसाले के शुद्धिकरण के तरीके की जांच करने की बात कहीं है। साथ ही कुछ मसाले पर बैन लगा दिया गया है।