Transfer Benefit : राज्य के मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। रिटायरमेंट बेनिफिट्स 1961 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें 27 प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। साथ ही महाविद्यालय अध्यापक स्थानांतरण नियमावली 2024 में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है।
राज्य सरकार से सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेज में कार्य करने वाली शिक्षकों के लिए ट्रांसफर की नई नियमावली के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इस फैसले से हजारों शिक्षकों को उनके निवास स्थान के पास समायोजन मिल सकेगा।
शिक्षक को गृह जनपद में लौटने का भी अवसर
नियमावली के लागू होने के बाद शिक्षक को अपने गृह जनपद में लौटने का भी अवसर मिलेगा। दिव्यांग और महिलाओं को इससे बड़ा लाभ होने वाला है।
बता दें 3 साल में शिक्षकों के ट्रांसफर हो सके। कैबिनेट की फैसले की जानकारी देते हुए मंत्री सुरेश खन्ना और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव ने कहा की सहायता प्राप्त महाविद्यालय अध्यापक स्थानांतरण नियमावली 2024 के तहत महाविद्यालय में न्यूनतम तैनाती को 5 वर्ष से घटकर 3 वर्ष किया गया है।
शिक्षक को 3 वर्ष के बाद ही तबादले का लाभ
इसके तहत सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेज में शिक्षक का 5 वर्ष की न्यूनतम सेवा की जगह 3 वर्ष के बाद ही तबादले का लाभ ले सकेंगे।
संपूर्ण सेवा काल में शिक्षक केवल एक बार ट्रांसफर के हकदार होंगे। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा लिए गए इस नियम पर जल्द प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बाद शिक्षकों के तबादले 3 साल में हो सकेंगे।
वहीं उनके ट्रांसफर नियमावली में भी संशोधन की प्रक्रिया में तेजी लाने की तैयारी की गई है। महिलाओं दिव्यांग सहित कर्मचारियों को ऐसे सीधा लाभ मिलेगा। वहीं उनके गृह जनपद में भी उनकी तैनाती की जा सकेगी।