Income Tax: देश में इनकम टैक्स बचाने के लिए हर कर्मचारी को टैक्स छूट (Tax Exemption) के नियमों की सही जानकारी होना बेहद जरूरी है। अपनी सैलरी स्ट्रक्चर में कुछ अलाउंस (Allowances) जोड़कर आप बड़ी मात्रा में टैक्स बचा सकते हैं।
यहां हम आपको ऐसे अलाउंस के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी टैक्स देनदारी को कम कर सकते हैं।
1. हाउस रेंट अलाउंस (HRA):
हाउस रेंट अलाउंस प्राइवेट और सरकारी सभी तरह के कर्मचारियों को प्रदान किया जाता है यदि आप किराए पर रहते हैं, तो हाउस रेंट अलाउंस (HRA) पर टैक्स छूट पा सकते हैं। यह छूट आपकी सैलरी, किराए और शहर के आधार पर तय होती है। मेट्रो शहरों में HRA का 50% और गैर-मेट्रो में 40% तक की छूट मिलती है।
2. लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA):
हर कर्मचारी को भारत में यात्रा के दौरान LTA पर छूट मिलती है यह छूट केवल यात्रा के किराए (Train, Flight, या Bus) पर लागू होती है। फैमिली के साथ यात्रा करने पर भी इसका लाभ लिया जा सकता है।
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3. चाइल्ड एजुकेशन अलाउंस(CEA):
यह अलाउंस बच्चों की पढ़ाई से जुड़े खर्चों पर मिलता है। प्रति बच्चा प्रति महीने ₹100 तक टैक्स-फ्री है, जो अधिकतम दो बच्चों तक के लिए लागु है।
4. ट्रांसपोर्ट अलाउंस(TA):
दिव्यांग कर्मचारियों को ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर विशेष छूट मिलती है। इसके अलावा सामान्य कर्मचारियों को ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े खर्चों पर भी कुछ छूट मिलती है।
5. फूड कूपन और मील वाउचर
फूड कूपन या मील वाउचर पर प्रति दिन ₹50 तक की टैक्स छूट मिलती है। यह विकल्प कर्मचारियों को सैलरी पैकेज में शामिल किया जा सकता है।
6. मेडिकल अलाउंस:
मेडिकल खर्चों पर पहले ₹15,000 तक की छूट मिलती थी। हालांकि, अब यह स्टैंडर्ड डिडक्शन में शामिल हो गया है। लेकिन कुछ कंपनियां अभी भी मेडिकल बीमा प्रीमियम के तहत अलाउंस देती हैं, जो टैक्स-फ्री हो सकता है।
7. स्पेशल अलाउंस
यदि आपके काम में विशेष खर्चे आते हैं जैसे ऑफिस ट्रैवल या किसी खास स्किल पर खर्च तो स्पेशल अलाउंस के रूप में इसकी छूट ली जा सकती है।