Income Tax Rules on Saving Account: बचत खाता (Saving Account) रखने वाले अधिकतर लोग केवल बैंक से मिलने वाले ब्याज को ध्यान में रखते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि आपके खाते में जमा राशि पर भी टैक्स (Tax on Bank Deposits) लग सकता है?
इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) ने बैंक खातों में जमा राशि और उस पर मिलने वाले ब्याज को लेकर कुछ नियम तय किए हैं। इन नियमों की जानकारी न होना आपको भारी पड़ सकता है।
अगर आप अपने खाते में बड़ी राशि जमा रखते हैं, तो आपको आयकर नियमों के तहत टैक्स भरना पड़ सकता है। आइए, इस लेख में समझते हैं कि किस प्रकार आपकी जमा राशि टैक्सेबल हो सकती है और आपको इससे बचने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।
बचत खाते पर टैक्स के नियम (Income Tax Rules on Saving Account)
बचत खाते (Saving Account) में जमा राशि पर मिलने वाला ब्याज आयकर नियमों के तहत टैक्स योग्य (Taxable Income) होता है। अगर आपकी जमा राशि एक निश्चित सीमा से अधिक है, तो आपको इसका ब्यौरा देना और टैक्स चुकाना अनिवार्य है।
इनकम टैक्स नियमों के अनुसार, यदि किसी वित्तीय वर्ष में बचत खाते में जमा राशि से ब्याज आय ₹10,000 से अधिक होती है, तो इस पर टैक्स चुकाना जरूरी है।
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खाते में राशि की सीमा पर ध्यान दें
यदि आप अपने बचत खाते में ₹10 लाख या उससे अधिक की राशि जमा करते हैं, तो इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department Rules) आपकी आय पर नजर रखेगा।
- अगर आपके खाते में जमा राशि पर ब्याज मिलता है, तो उसे आपकी टैक्सेबल इनकम में जोड़ा जाएगा।
- उदाहरण के लिए, ₹10 लाख की जमा राशि पर ₹5,000 का ब्याज मिलता है, तो आपकी कुल आय ₹10,05,000 मानी जाएगी।
इनकम टैक्स विभाग से जानकारी छिपाना क्यों खतरनाक है?
- नोटिस मिल सकता है:
यदि आप ₹10 लाख से अधिक जमा रखते हैं और इसकी जानकारी नहीं देते, तो आयकर विभाग (Income Tax Department) नोटिस भेज सकता है। - कार्रवाई का खतरा:
टैक्स चोरी के मामलों में विभाग जुर्माना भी लगा सकता है।
ITR फाइल करना अनिवार्य
अगर आपकी कुल आय टैक्सेबल सीमा (Taxable Income Limit) में आती है, तो आपको अपना आयकर रिटर्न (ITR) भरना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर इनकम टैक्स विभाग टैक्स चोरी का मामला मान सकता है, जिससे आपको नोटिस मिल सकता है।
बचत खाते और करंट खाते में अंतर
बैंक अकाउंट मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:
- सेविंग अकाउंट (Saving Account): बचत के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- करंट अकाउंट (Current Account): व्यावसायिक लेन-देन के लिए उपयोग होता है।
सेविंग अकाउंट में जमा धन पर बैंक ब्याज देता है, जो आपकी आय में जोड़ा जाता है।
टैक्स से बचने के लिए क्या करें?
- सही तरीके से ITR फाइल करें।
- अपनी आय को सही तरीके से डिक्लेयर करें।
- बड़ी राशि जमा करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।
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