Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को कौन नहीं जानता? इनसे बड़ा कूटनीतिज्ञ और विद्वान पुरुष आज तक कोई नहीं हुआ। आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य और उनके बेटे बिन्दुसार के राज्य में मुख्य सलाहकार और प्रधानमंत्री थे।
चाणक्य नीति में हैं सफल जीवन के सूत्र
आचार्य चाणक्य द्वारा रचित ग्रन्थ चाणक्य नीति में व्यक्ति को क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसके बारे में विस्तारपूर्वक व्याख्या भी की है। इस चाणक्य नीति के अंतर्गत उन्होंने कुछ ऐसे सूत्रों का व्याख्यान भी किया है जो आज के परिवेश में काफी फिट भी बैठते हैं।
इन हालातों में कभी न करें शर्म
आचार्य चाणक्य ने अपने चाणक्य नीति ग्रंथ में कुछ ऐसी जगह और हालातों के बारे में वर्णन किया है जहां इंसान को कभी भी शर्माना नहीं चाहिए। आमतौर पर हम कई बार कुछ जगहों पर हिचकिचा जाते हैं और शर्मा जाते हैं।
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ऐसे में कुछ विशेष जगह और कुछ विशेष हालातो में यदि इंसान शर्माता है या हिचक जाता है तो वह व्यक्ति जीवन में तरक्की नहीं कर पाता। आज हम आपको इस लेख में बताने वाले हैं कि ऐसी कौन सी जगह है और हालात है जहां पर व्यक्ति को कभी भी शर्म नहीं करनी चाहिए।
- खाना खाते समय
आचार्य चाणक्य ने बताया है कि किसी भी व्यक्ति को कभी भी खाना खाते समय शर्म नहीं करनी चाहिए, क्योंकि व्यक्ति अगर यदि खाना खाते समय शर्म कर गया तो वह व्यक्ति भरपेट खाना कभी खा ही नहीं पाएगा और भूखा रह जाएगा।
भूखा व्यक्ति कभी भी मानसिक और शारीरिक रूप से हष्ट पुष्ट नहीं होता और उसकी सोचने समझने की शक्ति हमेशा कम होती है। ऐसे में भूखे व्यक्ति हमेशा गलत फैसले लेते हुए पाए जाते हैं। इसीलिए जो व्यक्ति खाते समय शर्म कर जाए वह व्यक्ति कभी भी जीवन में तरक्की नहीं कर पाता।
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पैसों के मामले में
आचार्य चाणक्य ने अपनी किताब चाणक्य नीति में बताया है कि पैसों के बारे में पूछने और लेनदेन करने में कभी भी शर्म नहीं करनी चाहिए। यदि आपने कभी किसी व्यक्ति को पैसे उधार पर दिए हैं तो ऐसे व्यक्ति से आप बिना किसी शर्म के कभी भी पैसे मांग सकते हैं।
वहीं यदि आप कभी कुछ खरीद रहे है और शर्म की वजह से दाम नहीं पूछ रहे हैं तो यह भी आपके लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। हमेशा व्यक्ति को पैसों के मामले में शर्म को दरकिनार कर देना चाहिए और सावधानी बरतनी चाहिए वरना ऐसे व्यक्ति को पैसों से जुड़ी समस्या से गुजरना पड़ता है।
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अपनी बातों को रखने में
आचार्य ने हमेशा अपनी बातों/ तथ्यों को दूसरों के सामने रखने की सलाह दी है। यदि आपको कोई बात सही लग रही है तो उसे दूसरों के सामने रखें और यदि कोई बात गलत लग रही है तो उसके बारे में भी अपने मत प्रस्तुत करें।
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यदि कोई व्यक्ति ऐसा करने से चूक जाता है तो वह जीवन में कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता।
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गुरु के सामने सवाल पूछने में
हम सभी के जीवन में गुरुओं का स्थान सबसे महत्वपूर्ण होता है । गुरु हमारे लिए मार्गदर्शक के रूप में काम करते हैं। गुरु हमेशा हमें कुछ ना कुछ नया सीखाते हैं। ऐसे में यदि आपको गुरु से उचित शिक्षा लेनी है तो कभी भी गुरु से शर्म नहीं करनी चाहिए।
एक सफल और कामयाब विद्यार्थी के लिए आवश्यक है कि वह गुरु से निर्भय होकर सवाल पूछे और उनके जवाब हासिल करें। यदि ऐसा करने से कोई छात्र चूक जाता है तो वह कभी भी अपनी जिज्ञासा शांत नहीं कर पाता और वह कभी भी कामयाब नहीं बन सकता।
इस प्रकार यदि किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन में कामयाब होना है तो उसके लिए इन सभी परिस्थितियों में शर्म को छोड़ देना अनिवार्य है। अन्यथा ऐसा व्यक्ति जीवन में कभी भी सफल नहीं हो पाएगा बल्कि तरक्की से कोसों दूर होता जाएगा।
Disclaimer: उपरोक्त लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं व जानकारियों तथा इंटरनेट पर मौजूद आलेखों पर आधारित है। Hindi Times 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।