Retirement Age Hike News: हाई कोर्ट ने हाल ही में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। इसके साथ ही अदालत ने कर्मचारियों की रिटायरमेंट की आयु को 2 साल बढ़ाए जाने का फैसला सुनाया है।
यह फैसला नारो देवी नामक एक कर्मचारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान लिया गया, जिसमें उन्होंने 58 वर्ष में सेवानिवृत्त किए जाने को अनुचित ठहराया था। कोर्ट के इस फैसले से अब न केवल नारो देवी बल्कि प्रदेश के हजारों कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
कर्मचारियों को क्यों मिली यह राहत?
दरअसल, हिमाचल प्रदेश में एक विवाद तब खड़ा हुआ, जब नारो देवी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने याचिका में तर्क दिया कि 58 वर्ष में रिटायर करना अन्यायपूर्ण है।
इसके जवाब में अदालत ने राज्य सरकार को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को 60 साल की उम्र में ही रिटायर किया जाए।
क्या था यह पूरा मामला?
बता दें हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने हाल ही में चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारी नारो देवी ने एक याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्हें सरकार द्वारा 58 वर्ष की आयु में ही सेवानिवृत कर दिया गया था।
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इस याचिका के अंतर्गत उन्होंने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 60 वर्ष होनी चाहिए।
ऐसे में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने नारो देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाई है आदेश जारी किए हैं कि सभी चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु के पश्चात ही रिटायर किया जाए और जिन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है उन्हें तत्काल प्रभाव से नियुक्त किया जाए।
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को दी हिदायत
इस पूरे मामले में अदालत ने नारो देवी को फिर से नियुक्ति प्रदान करने के लिए सरकार को हिदायत भी दे दी है और अब चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु हेतु विशेष आदेश भी पारित करने के लिए कह दिया है।
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हाई कोर्ट द्वारा यह साफ कर दिया गया है कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी जो 10 मई 2021 के बाद सरकारी सेवाओं में लगे हैं उन्हें 60 वर्ष की आयु के पश्चात सेवानिवृत किया जाएगा।
वहीं जिन लोगों को नाइंसाफी करते हुए रिटायर कर दिया गया है उन्हें नौकरी पर वापस बुलाया जाएगा और 60 वर्ष की आयु के पश्चात ही रिटायर किया जाएगा।
हाई कोर्ट के इस फैसले से क्या लाभ मिलेगा
हिमाचल प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु को 58 से 60 साल करने पर निम्नलिखित लाभ कर्मचारियों को देखने के लिए मिलेंगे।
- कर्मचारियों को अब 60 वर्ष की आयु में रिटायर किया जाएगा। यानी उन्हें 2 साल ज्यादा काम करने का मौका मिलेगा।
- इस आदेश से हिमाचल प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
- वहीं 2 साल अतिरिक्त फंड होने की वजह से उनके रिटायरमेंट फंड में भी बढ़ोतरी होगी।
- साथ ही इससे कर्मचारी को कार्य स्थल पर दो वर्ष अतिरिक्त कार्य स्थिरता मिलेगी।
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हाई कोर्ट के इस फैसले से सरकार पर क्या प्रभाव पड़ेगा
- हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा लिए गए इस फैसले की वजह से सरकार को अब चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को दो वर्ष तक अतिरिक्त काम करने का मौका देना होगा ।
- इस फैसले से सरकार पर प्रत्येक कर्मचारी के 2 वर्ष के अतिरिक्त वेतन का बोझ भी बढ़ेगा।
- वहीं साथ ही साथ यह अतिरिक्त दो वर्ष नई नियुक्तियों को भी टाल देंगे क्योंकि प्रत्येक कर्मचारी को अब 60 वर्ष की आयु में रिटायर किया जाएगा ऐसे में नियुक्तियां भी 2 साल के पश्चात ही गठित की जाएगी।
- हालांकि यह निर्णय सरकार को दीर्घकालीन लाभ निश्चय ही प्रदान करेगा।
- इसी के के साथ ही इस निर्णय से विभागों में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि अनुभवी और पुराने कर्मचारियों को दो वर्ष के लिए फिर से नियुक्त किया जाएगा जिससे विभागों में काम तेजी से पूरा होगा।