Teachers Pay Scale : छत्तीसगढ़ के शिक्षकों को सरकार ने बड़ा झटका दिया है। हाई कोर्ट द्वारा शिक्षकों के पक्ष में दिए गए फैसले को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इसके साथ ही क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है।
प्रमोशन ना मिलने पर शिक्षकों ने 2013 में सरकार से इसकी मांग की थी। लंबे समय से मामला चल रहा था। जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने 10 साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतन देने का ऐलान किया था।
50000 से अधिक शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान का इंतजार
हालांकि इसी बीच एक शिक्षा का द्वारा क्रमोन्नत वेतनमान के लिए याचिका दायर की गई। सरकार ने नए वेतनमान के तहत से रद्द कर दिया था। जिसके बाद शिक्षिका ने सोचा नियम समाप्त होने के बावजूद हाई कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी तो उसे लाभ मिल सकता है। ऐसा हुआ भी शिक्षिका के पति वकील थे। ऐसे में केस दायर किया गया और शिक्षिका द्वारा केस को जीत भी लिया गया। इसके बाद हाई कोर्ट नाम में इस मामले में याचिका लगने शुरू हो गई थी। 50000 से अधिक शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान का इंतजार था।
राज्य सरकार को नोटिस जारी
ऐसे में हाई कोर्ट में बढ़ाने वाली याचिका को देखते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और सरकार हरकत में आ गई थी। इससे पहले सरकार क्रमोन्नत वेतनमान का आदेश रद्द कर चुकी थी लेकिन अब शिक्षिका को कोर्ट में राहत मिल चुकी थी।ऐसे में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखाया। सरकार ने स्पेशल लीव पिटिशन दायर किया है।
सरकार ने स्पेशल लीव पिटिशन दायर किया
इसका मतलब है कि इस मामले में जल्दी सुनवाई की जा सकती है। सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में यशिका तैयार की गई है। जल्द इस पर सुनवाई होने के बाद माना जा रहा है कि 50000 शिक्षकों को बड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि यदि ऐसा नहीं होता है तो शिक्षकों के लिए क्रमोन्नत वेतनमान की मांग अधूरी रह जाएगी।