Employees News : कर्मियों को सरकार ने बड़ा झटका दिया है। कर्मचारियों को अनुबंध सेवा काल के वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे। साल 2023 से इस व्यवस्था को लागू किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस मामले में सदन के पटल पर सरकारी कर्मचारी भर्ती और सेवा की शर्त विधेयक को पेश किया है।
सदन विशेषज्ञ के बाद विधेयक पारित किया जाना है। विधेयक को लाने के पीछे का प्रमुख कारण राज्य पर बढ़ाने वाले संभावित वित्तीय बोझ को कम करना है।
अनुबंध सेवा काल के वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं
दरअसल राज्य के कर्मचारियों को अनुबंध सेवा काल के वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं उपलब्ध कराए जाएंगे। सेवा काल का लाभ देने से कर्मचारियों को केवल अतिरिक्त संसाधन का भारी आवंटन करना पड़ेगा बल्कि पिछले 21 वर्षों से अधिक समय से वरिष्ठता सूची में भी संशोधन करना होगा।
नहीं मिलेंगे जॉइनिंग की तारीख से वरिष्ठित और वित्तीय लाभ
राज्य की कांग्रेस सरकार इस विघेयक के माध्यम से कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण बदलाव को पूरा करने जा रही है। विधेयक पारित होने के बाद कर्मचारियों को जॉइनिंग की तारीख से वरिष्ठित और वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे।
कर्मचारियों की वरिष्ठता उनके नियमित होने के बाद तय की जाएगी। अनुबंध सेवा काल को इसमें नहीं जोड़ा जाएगा। हालांकि कई राज्य के हाई कोर्ट द्वारा इस संबंध में आदेश दिए गए थे। बावजूद इसका पालन ना करते हुए अब हिमाचल सरकार द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
सरकार के खजाने पर बोझ बढ़ने की संभावना
यह बदलाव विशेष रूप से उनके कर्मचारियों के लिए है, जिनकी भविष्य को लेकर पहले अदालत से आदेश जारी किए गए थे। इन आदेश के चलते राज्य सरकार के खजाने पर बोझ बढ़ने की संभावना बन रही थी। अब राज्य में अनुबंध नियुक्तियों को भर्ती और पदोन्नति नियम में शामिल करने के लिए यह धारणा बनी है।
अनुबंध नियुक्तियां नियमित रोजगार के बराबर है। विद्या के अनुसार अनुबंध के आधार पर नियुक्ति करने का उद्देश्य उन्हें नियमित कर्मचारियों के समान मानना नहीं था। उनकी सेवा सिर्फ उनकी ओर से हस्ताक्षर हेतु समझौते से नियंत्रित होती है।
ऐसे में नियमित नियुक्ति के समान सार्वजनिक सेवा का हिस्सा वह नहीं हो सकते हैं। इसके बाद अब हिमाचल में कर्मचारियों के प्रमोशन सहित वेतन वृद्धि के मामले में उनके अनुबंध सेवा काल को वरिष्ठता से नहीं जोड़ा जाएगा। ना ही उन्हें वित्तीय लाभ दिए जाएंगे।