New Grade Pay : राज्य के 9 लाख से अधिक कर्मचारी और अधिकारियों के लिए महत्वपूर्ण अपडेट सामने आई है।प्रदेश के बाबू नाराज हो गए हैं।वेतन भत्ते की विसंगति का परीक्षण करने वाली कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के साथ ही इस पर बवाल शुरू हो गया है।कर्मचारी संगठन ने इस रिपोर्ट को देखते हुए इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
उनकी कोई भी मांग को नहीं माना गया है।खास तौर पर कर्मचारियों के सबसे बड़े बाबू संवर्ग की लगभग सभी मांगों को कमेटी ने खारिज किया है।जिसके बाद विधानसभा के बजट सत्र से पहले आंदोलन की राहत तेज हो सकती है। प्रदेश के सभी बाबुओं द्वारा इस कमेटी की सिफारिश को खारिज कर दिया गया है।
2017 को सामंत कमेटी गठित
राजस्थान में छठे वेतनमान लागू होने के बाद वेतन भत्ते से जुड़ी विसंगति दूर करने के लिए वसुंधरा सरकार द्वारा 3 नवंबर 2017 को सामंत कमेटी गठित की गई थी। कमेटी के गठन के बाद राजस्थान में सत्ता परिवर्तन हो गया।सामंत कमेटी ने अपनी गठन के 20 महीने बाद गहलोत सरकार को अपनी रिपोर्ट दी थी।
गहलोत सरकार ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया और अशोक गहलोत ने वेतन विसंगति के परीक्षण के लिए 5 अगस्त को रिटायर्ड आईएएस खेमराज की अध्यक्षता में नई कमेटी बना कर सामंत कमेटी का काम इन्हें सौंप दिया।
खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को कैबिनेट में लाया गया
वही अब भजन लाल सरकार द्वारा अब खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को कैबिनेट में लाया गया है। प्रशिक्षण के बाद इसे मंजूरी दे दी गई। वित्त विभाग ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया है। जिसमें पहले वॉल्यूम वेतन विसंगति का है और दूसरा भत्ते से जुड़ी मांगों को लेकर है। वेतन विसंगति की बात करें तो बाबू संवर्ग की लगभग सभी प्रमुख मांग को अनसुना कर दिया गया है जबकि भत्ते में भी कोई विशेष परिवर्तन नहीं किया गया है।
हालांकि सरकार द्वारा बजट में घोषणा की गई थी कि वेतन विसंगति और वेतन सुधार संबंधित सिफारिश को 1 सितंबर 2024 से लागू किया जाएगा लेकिन अब रिपोर्ट सार्वजनिक होने के साथ इस पर बावल शुरू हो गया है। इसमें 17 संगठन ने सरकार को अपनी 40 डिमांड कमेटी को सौंप थी। उनके प्रमुख डिमांड मंत्रालय संवर्ग के सभी सचिवालय पैटर्न, प्रमोशन में अनुभव की शिथिलता, स्ट्रक्चर और शुरुआती ग्रेड पे 3600 किए जाने शामिल किया गया था।
किसी भी मांग को नहीं माना गया
वहीं अब अधिकारी कर्मचारियों का कहना है कि किसी भी मांग को नहीं माना गया है। निजी सहायक संवर्ग में पदोन्नति के चैनल 3 से बढ़कर 5 करने की मांग की थी जबकि प्रमुख निजी सचिव के लिए l21 का पद मांगा गया था। ग्रेड पे को 6000 से बढ़कर 6600 करने की मांग की गई थी। वहीं आम डिमांड योग्यता 12वीं से बढ़कर ग्रेजुएट करने की मांग की गई थी।
इसके अलावा सब ऑर्डिनेट अकाउंट सर्विसेज की पांचो मांगों को खारिज कर दिया गया है। जिस पर कर्मचारी संगठन का कहना है कि कमेटी ने कैडेट रिव्यू ग्रेड पे रिवीजन सचिवालय पैटर्न जैसे सभी मांगों को खारिज कर दिया है। ऐसे में अब रिपोर्ट से कर्मचारियों को कोई फायदा नहीं है। जल्द ही आंदोलन की राह तैयार की जाएगी। कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष का कहना है कि कर्मचारियों को ग्रेड पे और सचिवालय पैटर्न में कुछ नहीं दिया गया है। जल्दी आंदोलन शुरू करने के लिए बैठक किया जाएगा।