इस समय सरकार बीमा प्रीमियम भरने वालों के लिए थोड़ी राहत प्रदान करते हुए नजर आ रही है और इसके लिए मोदी सरकार की एक संसदीय स्थाई समिति ने बीमा प्रीमियम पर वसूले जा रहे हैं, GST की दर को भी कुछ काम करने की सिफारिश की है।
GST दरो को कम करने की सिफारिश
आपको बता दे कि इस समय बीमा प्रीमियम पर 18 फ़ीसदी GST कि दर लागू की गई है, जिसे अब सरकार कुछ कम करने के बारे में विचार कर रही है। यहां पर केंद्र सरकार की तरफ से एक स्थाई समिति ने बीमा प्रीमियम पर वसूली जा रही, GST की ऊंची दरो को कम करने के लिए सिफारिश की है, ताकि ग्राहकों को कुछ राहत प्रदान की जा सके।
कमेटी ने दिया यह सुझाव
समिति का कहना है कि GST को तर्कसंगत बनाया जाए, टकी विशेष रूप से स्वस्थ और टर्म इंश्योरेंस लेने वाले लोगों को कुछ राहत मिल सके। क्योंकि इस समय जीएसटी की ऊंची दर के कारण बीमा प्रीमियम भी अधिक हो जाता है और इसका सीधा असर ग्राहकों पर देखा गया है।
बिमा उत्पाद को और अधिक सस्ता बनाने के लिए समिति द्वारा बताया गया है कि, स्वास्थ्य बीमा उत्पादों इसमें वरिष्ट नागरिकों के लिए खुदरा बीमा और माइक्रो बीमा पॉलिसी और टर्म पॉलिसीयों पर लागू GST दरो को कम किया जाए। हाल ही में बीमा उद्योग में काफी अधिक गतिशीलता देखी गई थी, इसके बाद वर्तमान सरकार ने इसमें कुछ सुधार के लिए कई कदम भी उठाएं हैं।
सभी तरह के बिमा को किया जाए शामिल
समिति के अनुसार लोगों के लिए बीमा उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा फायदेमंद बनाया जाए, ताकि वह ज्यादा से ज्यादा इसका उपयोग कर सके, ना केवल जीवन बीमा को बल्कि उन्होंने सुझाव दिया है कि, विभिन्न प्रकार के बीमा उत्पादों को इसमें शामिल किया जाए।
वही उनका यह भी कहना है कि बीमा उत्पादों को लेकर एक जागरूकता अभियान भी शुरू किया जाना चाहिए, जिसमें बीमा कंपनियों और इरडा द्वारा संयुक्त रूप से यह अभियान चलाया जाए इसके अंदर सामान्य बीमा स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा को भी शामिल किया जाना चाहिए।
कब होगा लागू?
यह नियम कब तक बनया जाएगा, इसके बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन जल्द ही इस पर कुछ नियम बनाए जाएंगे।