Employee Regularization: दिवाली के त्योहार से पहले संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। राज्य सरकार ने सभी कर्मचारियों को परमानेंट करने का फैसला किया है जिससे इन कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है।
राज्य सरकार का बड़ा फैसला
राज्य सरकार ने नगर निगमों, नगर पंचायतों, और नगर पालिकाओं के संविदा कर्मचारियों को स्थायी करने की घोषणा की है। यह फैसला लंबे समय से अस्थायी नौकरी कर रहे कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है।
अब नगर निगम के संविदा कर्मचारियों को परमानेंट पद पर नियुक्त किया जाएगा, जिससे उनके काम में स्थायित्व आएगा और उन्हें सभी सरकारी लाभ प्राप्त होंगे।
संविदा कर्मचारियों का ब्योरा मांगा गया
राज्य सरकार ने नगर निगमों, नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में कार्यरत सभी संविदाकर्मियों को स्थायी करने का निर्णय लिया है। इससे इन कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा और उनकी नौकरी में स्थिरता भी मिलेगी।
स्थायीकरण की प्रक्रिया को तेज़ी से लागू करने के लिए स्थानीय निकाय निदेशालय ने सभी नगर निगमों को संविदा कर्मचारियों का ब्योरा तीन दिन के भीतर भेजने का आदेश दिया है।
इस आदेश के साथ नगर निगमों को एक विशेष फॉर्मेट भी भेजा गया है जिसमें 31 दिसंबर 2001 या उससे पहले से कार्यरत संविदाकर्मियों का विवरण भरना होगा।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आदेश जारी कर सभी नगर निगमों और नगर पंचायतों से 31 दिसंबर 2001 या उससे पहले कार्यरत संविदा कर्मचारियों का ब्योरा मांगा है।
यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा संविदा कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
संविदा कर्मचारियों के लिए राहत की सौगात
राज्य सरकार के इस फैसले से उत्तर प्रदेश के हजारों संविदा कर्मचारियों के जीवन में खुशियां लौट आई हैं। सरकार के इस कदम से संविदाकर्मियों को नियमित नौकरी का दर्जा मिलेगा और भविष्य में उनके रोजगार की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
प्रयागराज नगर निगम कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव ने इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि इससे संविदाकर्मियों की स्थिति में सुधार होगा।
नियमितीकरण के लाभ
- नौकरी की सुरक्षा: स्थायी होने से नौकरी की अनिश्चितता समाप्त हो जाएगी।
- वेतन और लाभ: नियमित कर्मचारियों के समान वेतन और अन्य लाभ मिलेंगे।
- सामाजिक सुरक्षा: कर्मचारियों को पेंशन, स्वास्थ्य लाभ जैसे सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलने की संभावना होगी।
- मनोबल में वृद्धि: नौकरी की स्थिरता से कर्मचारी उत्साहित होंगे और कार्यक्षमता बढ़ेगी।
पहले आपत्ति बनी बाधा, अब मिला हल
इस मामले में पहले वित्त विभाग की आपत्तियों के चलते संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण संभव नहीं हो पा रहा था। लेकिन स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के निरंतर प्रयासों के बाद यह बाधा अब दूर हो गई है, जिससे संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का रास्ता साफ हो गया है।
नगर निगम में 300 संविदाकर्मियों को लाभ
प्रयागराज नगर निगम में लगभग 300 संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं, जिन्हें इस निर्णय का सीधा लाभ मिलेगा। इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू करने के लिए नगर निगम को निर्देश दिए गए हैं कि वे तय समय सीमा के अंदर अपने कर्मचारियों का ब्योरा निदेशालय को भेजें।
प्रमुख जानकारी | विवरण |
घोषणा | संविदा कर्मचारियों का स्थायीकरण |
लाभार्थी विभाग | नगर निगम, नगर पंचायत, नगर पालिका |
लाभार्थी कर्मचारी | संविदा और दैनिक वेतनभोगी |
महत्वपूर्ण तिथि | 31 दिसंबर 2001 या उससे पहले कार्यरत |
संविदा कर्मचारियों का ब्योरा | तीन दिन के अंदर निदेशालय को भेजना अनिवार्य |
प्रयागराज नगर निगम के लाभार्थी | लगभग 300 कर्मचारी |
नगर पंचायत और नगर पालिकाओं में भी लागू
इस पहल का लाभ केवल नगर निगमों में ही नहीं बल्कि नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में कार्यरत संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को भी मिलेगा।
इन निकायों के भी 2001 या उससे पहले कार्यरत संविदा कर्मचारियों का ब्योरा मांगा गया है ताकि स्थायीकरण की प्रक्रिया उन तक भी पहुंच सके।