Employees Holiday : अक्टूबर महीने में कर्मचारी और छात्रों को बड़ी राहत मिली थी। लगातार छुट्टियां की घोषणा की जा रही थी।
इसी बीच अब नवंबर महीने के पहले सप्ताह में हुई छुट्टियों के बाद एक बार फिर से छुट्टी की घोषणा की गई है। कलेक्टर द्वारा इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं।
जारी किए गए आदेश के तहत अभी एक बार फिर से स्कूल छात्रों सहित कर्मचारी और शिक्षकों को अवकाश का लाभ मिलेगा।
बता दे की देवउठनी एकादशी अर्थात ग्यारस पर स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है। इसे लेकर 7 दिन से फाइल चल रही थी, जिस पर आखिरकार सोमवार 11 नवंबर को आदेश जारी हो गया है।
कलेक्टर आशीष सिंह ने 12 नवंबर को पूरे जिले में स्थानीय अवकाश की घोषणा कर दी गई है। रविवार को ही इसके लिए फाइल चल रही थी और अवकाश को लेकर सोमवार को फैसला लिया गया है।
कलेक्टर सिंह ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि पूर्व में 1 नवंबर को स्थानीय अवकाश घोषित किया गया था लेकिन मध्य प्रदेश शासन द्वारा अवकाश घोषित होने के कारण 1 नवंबर को स्थानीय अवकाश को निरस्त कर दिया गया था।
12 नवंबर देवउठनी ग्यारस को पूरे जिले में स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है। यह अवकाश बैंक और कोषालय पर लागू नहीं होगा।
तीन स्थानीय अवकाश घोषित
ऐसे में बैंक और कोशल खुले रहेंगेइंदौर में कलेक्टर ने अपने स्तर पर तीन स्थानीय अवकाश घोषित किए थे। रंग पंचमी पर 30 मार्च अनंत चतुर्दशी के अगले दिन 18 सितंबर और दिवाली के अगले दिन 1 नवंबर को घोषित किया गया था।
हालांकि दिवाली के अगले दिन वाला निरस्त हो गया क्योंकि इस दिन मध्य प्रदेश शासन द्वारा भी अवकाश की घोषणा की गई थी।
मध्य प्रदेश में देवउठनी ग्यारस को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसे में प्रदेश के कई जिले में छुट्टी की घोषणा की जा चुकी है। जिसके बाद इंदौर कलेक्टर से भी एक दिन स्थानीय अवकाश घोषित करने की मांग की जा रही थी।
अधिकार शेष बचे होने की वजह से 12 नवंबर को अवकाश घोषित कर दिया गया है। ऐसे में कल प्रदेश के इंदौर जिले में सभी स्कूल कॉलेज बंद रहेंगे। सरकारी ऑफिसों में भी कल काम नहीं होगा।
सार्वजनिक अवकाश की घोषणा
इधर उत्तराखंड में भी ईगास बग्वाल के पारंपरिक त्योहार पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है। ऐसे में उत्तराखंड के सभी स्कूल कॉलेज सरकारी कार्यालय संस्थान और बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रहेगी।
इस कारण से उत्तराखंड के सभी बैंक भी बंद रहेंगे। लोग इंटरनेट बैंकिंग मोबाइल बैंकिंग और एटीएम के माध्यम से वित्तीय लेनदेन जारी रख सकते हैं।
इसे उत्तराखंड के पारंपरिक त्यौहार में से एक माना जाता है। यह पर विशेष रूप से गढ़वाल क्षेत्र में मनाया जाता है। दिवाली के ठीक 11 दिन बाद इसे मनाने की दिलचस्प वजह है।
जब भगवान राम के अयोध्या लौटने की सूचना पहाड़ो तक पहुंची तो वहां के लोगों द्वारा यह सूचना थोड़ी देर से मिलने के कारण इस दिन दीप पर्व के रूप में इसे मनाया जाता है।
घर और मंदिरों में दीप जलाए जाते हैं और इसके साथ ही लकड़ी की मशालों के साथ गाना गाते हुए विभिन्न पकवान बनाए जाते हैं।