Holiday Cancelled: सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। उनके अवकाश रद्द करने का आदेश जारी किया गया है। इतना ही नहीं, रविवार या अवकाश के दिन भी जरूरत पड़ने पर उन्हें कार्यालय बुलाया जा सकता है।
दरअसल, विधानसभा का शीतकालीन सत्र नजदीक आते ही अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। अब जरूरत पड़ने पर छुट्टी के दिन भी उन्हें कार्य पर उपस्थित होना पड़ेगा।
छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तैयारियों को लेकर अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब जरूरत पड़ने पर उन्हें छुट्टी के दिन भी कार्यालय में हाजिर रहना होगा।
जानिए क्या है पूरा मामला?
छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू होने वाला है। इस सत्र के दौरान आने वाले सवालों का जवाब समय पर तैयार करने के लिए जिला प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
इस संबंध में बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि सभी अधिकारी मुख्यालय से बाहर बिना अनुमति के नहीं जा सकते।
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क्या हैं आदेश के मुख्य बिंदु?
- अवकाश पर रोक: अधिकारियों को बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के अवकाश पर जाने की अनुमति नहीं होगी।
- मुख्यालय छोड़ने पर प्रतिबंध: मुख्यालय से बाहर जाने के लिए पहले अनुमति लेनी होगी।
- चुनौतीपूर्ण समय: जरूरत पड़ने पर छुट्टी के दिन या कार्यालय समय के बाद भी उपस्थित होना अनिवार्य है।
नोडल अधिकारियों की नियुक्ति:
अतिरिक्त कलेक्टर आर.ए. अधारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जबकि संयुक्त कलेक्टर एस.एस. दुबे सहायक नोडल अधिकारी होंगे।
शीतकालीन सत्र की तैयारी प्रशासन की प्राथमिकता
शीतकालीन सत्र (Winter Session) के दौरान विधानसभा सचिवालय से बड़ी संख्या में सवाल पूछे जाने की संभावना है। प्रशासन ने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इन सवालों का जवाब तैयार करने और समय पर भेजने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतें।
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