Employees Salary Cut : राज्य के कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। दरअसल 7 अगस्त के बाद अब अवकाश से पर जाने वाले शिक्षकों प्रोफेसर को उनके वेतन का पूरा हिस्सा उपलब्ध नहीं कराया जाएगा।
इस मामले में राज्य सरकार ने कर्मचारियों को झटका दिया है। अध्ययन अवकाश पर जाने वाले प्रोफेसर को कुल वेतन का सिर्फ 40% वेतन ही उपलब्ध कराया जाएगा।
सीसीएस अवकाश नियम के तहत अध्ययन अवकाश के दौरान वेतन भुगतान को लेकर शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी कर दिया है।
प्रशासनिक की जगह वित्त विभाग की अनुमति
24 महीने तक के अध्ययन अवकाश के लिए प्रशासनिक की जगह वित्त विभाग की अनुमति लेनी होगी। इसके साथ ही कई अन्य नियम भी बनाए गए हैं। कॉलेज प्रोफेसर के वेतन से जुड़े कुछ आपत्तियां के बाद शिक्षा विभाग में वित्त विभाग से यह मामला उठाया था। जिस पर सहमति बनी है।
मंगलवार को उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत कुमार शर्मा की ओर से सभी कॉलेज प्रिंसिपल को पत्र जारी कर दिया गया है।
वेतन का सिर्फ 40% वेतन ही उपलब्ध
प्रदेश सरकार ने को समय पहले केंद्रीय सिविल सेवा अवकाश 1972 में बदलाव किया है। जिसके बाद में अभी हिमाचल प्रदेश में 7 अगस्त 2024 के बाद अध्ययन अवकाश लेने वाले प्रोफेसर और शिक्षक को उनके वेतन का सिर्फ 40% वेतन ही उपलब्ध कराया जाएगा।
नए नियम को केंद्रीय सिविल सेवा अवकाश से हिमाचल प्रदेश नियम 2024 नाम दिया गया है। 1986 से लेकर प्रशासनिक विभाग ही 24 महीने तक स्टडी लिव की अनुमति देता आया था। अब वित्त विभाग द्वारा तय किया जाएगा।
नियम में बदलाव
ऐसे में किसी विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को अवकाश पर भेजना है या नहीं, इसका निर्णय वित्त विभाग करेगा। हर साल बड़ी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी स्टडी पर जाते हैं।
अध्ययन अवकाश के दौरान सरकार उन्हें पूरा वेतन देती थी। जिसके कारण आर्थिक नुकसान बढ़ रहा था। ऐसे में अब इस नियम में बदलाव किया गया है।
स्टडी लिव पर अधिकारी कर्मचारी के रहने से विभाग में प्रशासनिक कामकाज प्रभावित होता था। वहीं राजकीय कोष में भी नुकसान देखा जा रहा था।
अब नियम में संशोधन के साथ कर्मचारी को उनके वेतन का केवल 40% हिस्सा अध्ययन अवकाश के दौरान वेतन के रूप में मिलेगा।