EPFO : आज के समय में सभी नौकरी करने वालों के लोगो की सैलरी में से PF काटा जाता है और यह आपकी सैलरी का 12 फ़ीसदी हिस्सा होता है जो कि, आपका ईपीएफ अकाउंट (EPF account) फंड में जमा होता है।
कर्मचारी के साथ इंप्लॉयर (कर्मचारी जिस कंपनी में काम करता है) भी इस फंड में अपना योगदान देते हैं। जिसके आज कई सारे फायदे है। आज हम आपको EPF अकाउंट के फायदे के बारे में बताने वाले है।
पेंशन का लाभ (Pension Benefits)
प्रोविडेंट फंड में आपको EPF और EPS का लाभ मिलता है और आपको रिटायरमेंट के बाद पेंशन दी जाती है। पेंशन का लाभ आपको 58 की उम्र के बाद मिलता है, जिसके लिए आपको कम से कम 10 साल की नौकरी करना आवश्यक होती है, इसके तहत ₹1000 रूपए मिनिमम पेंशन मिलती है।
PF में निकासी के नियम (PF withdrawal rules)
PF से पैसे निकालने के लिए भी कुछ सरकार द्वारा नियम बनाएं गए हैं, जिसके माध्यम से आप इसमें से पैसा निकाल सकते हैं। आप नौकरी बदलने के साथ PF अकाउंट को भी ट्रांसफर कर सकते हैं।
साथ ही आप रिटायरमेंट से पहले कुछ कामों के लिए पैसा निकाल सकते हैं। अगर आपकी जब किसी कारणवश चली जाती है तो, आप PF अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं।
8.15 फ़ीसदी की दर से ब्याज (Interest at the rate of 8.15 percent)
PF पर आपको सालाना 8.15 फ़ीसदी की दर से ब्याज प्रदान किया जाता है। इसमें आपको कंपाउंड इंटरेस्ट मिलता है और इसे हर साल सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है।
नॉमिनी का लाभ मिलता है (Nominee’s benefit)
EPF में आपको नॉमिनी का भी लाभ मिलता है, अगर किसी स्थिति में अकाउंट होल्डर की किसी कारणवश मृत्यु हो जाती है तो, उसका PF की का पैसा पूरा नॉमिनी को दिया जाता है।
VPF में निवेश की सुविधा (Facility to invest in VPF)
VPF में निवेश की सुविधा भी कर्मचारी को इसमे दी जाती है, कर्मचारी Voluntary Provident Fund में भी निवेश कर सकता है। लेकिन इसमें आपको बेसिक सैलरी से ज्यादा कॉन्ट्रिब्यूशन देना होता है।
लाइफ इंश्योरेंस का फायदा (Benefits of life insurance)
वही कर्मचारियों को लाइफ इंश्योरेंस का भी इसमे फायदा मिलता है, हालांकि इस स्कीम के तहत कवरेज काफी कम प्रदान किया जाता है, लेकिन उन्हें लाइफ इंश्योरेंस का लाभ जरूर दिया जाता है।