New Pay Scale : राज्य तिलहन संघ के प्रति नियुक्ति पर विभिन्न विभागों में गए कर्मचारी को जल्दी महत्वपूर्ण लाभ मिलने वाला है। दरअसल कर्मचारियों को पांचवें वेतनमान के लाभ मिलने और नुकसान की भरपाई की उम्मीद बढ़ गई है। हाई कोर्ट ने इस सम्बन्ध में सुनवाई करने के निर्देश दिए है।चार सप्ताह में आदेश का पालन करना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
इस मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को की जाएगी। तिलहन संघ में सुपरवाइजर बन्ने पीएम के मामले में कोर्ट ने आदेश जारी किया है। 1983 में उनकी सुपरवाइजर के पद पर उनकी नियुक्ति हुई थी। संघ के परी समापन के बाद 2000 में सामान्य प्रशासन विभाग में उन्हें प्रति नियुक्ति दी गई थी।
2016 तक अलग-अलग प्रति नियुक्ति पर मध्य प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष के साथ अटैच किया गया। इस दौरान उन्होंने चौथे वेतनमान का लाभ दिया गया था। 2016 में तिलहन संघ के वाणिजियक कर विभाग में संविलियन कर दिया गया है। इसके साथ ही वह चौथे से वेतनमान से छठे वेतनमान में शामिल हो गए।
प्रति महीने लगभग ₹6000 का नुकसान
हालांकि उन्हें पांचवें वेतनमान ना मिलने से प्रति महीने लगभग ₹6000 का नुकसान उठाना पड़ा। 2016 में हाईकोर्ट में इस मामले को ले जाने के बाद वह 2022 में रिटायर हो गए। इस मामले में बन्ने का कहना है कि इसके बाद भी उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी। अब हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद उम्मीद जगी है कि उन्हें पांचवें वेतनमान का लाभ मिल सकेगा।
पांचवें वेतनमान का लाभ
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पिछले सुनवाई में सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को कृषि के जरिए हाजिर रहने के निर्देश दिए थे। 8 जनवरी को सुनवाई में कमिश्नर वाणिजियक कर इंदौर ने कोर्ट से 4 महीने का समय मांगा था। कोर्ट ने आदेश में चार सप्ताह में पांचवे वेतनमान का लाभ देने के आदेश का पालन करने के निर्देश दिए हैं।
ऐसा नहीं होने पर 11 फरवरी को एक बार फिर से सुनवाई की जाएगी। जिसमें उन्हें फिर से हाजिर रहने के निर्देश दिए गए हैं कि मध्य प्रदेश राज्य की जनप्रतिनिधि पर विभिन्न विभागों में गए कर्मचारियों को पांचवें वेतनमान का लागू मिल सकता है।