New Rules for House Rent: हम सब में से ऐसे कई सारे लोग होंगे जो अतिरिक्त इनकम सोर्स प्राप्त करना चाहते हैं। ऐसे में मकान किराए पर देना एक काफी आम प्रक्रिया है। आपके पास में यदि खाली कमरा या कोई खाली घर है तो आप इसे किराए पर दे सकते हैं।
हालांकि अब तक किराए पर घर देने की प्रक्रिया काफी आसान थी जहां लोग इसके माध्यम से अच्छी खासी आय भी कमा रहे थे। परंतु अब किराए पर घर देने की प्रक्रिया को काफी जटिल बना दिया गया है। मतलब अब किराए के घर से होने वाली आय पर सरकार द्वारा कड़ी नजर रखी जाएगी।
किराए से होने वाली आय की करनी होगी घोषणा
जी हां, अब किराए पर घर देना उतना आसान नहीं होगा जितना अबसे पहले था। इनकम टैक्स विभाग द्वारा किराए के घर से होने वाली आय पर नए टैक्स नियम लागू किए गए हैं।
यदि आप भी मकान मालिक है और आपका घर किराए पर दिया हुआ है तो आपके लिए यह अनिवार्य है कि आप इनकम टैक्स फॉर्म में इस सोर्स से होने वाली इनकम की घोषणा करें।
यदि आपने ऐसा नहीं किया तो आपको भारी इनकम टैक्स और पेनल्टी का भुगतान करना पड़ सकता है।
क्या है इनकम टैक्स का नया नियम
जैसा कि हमने आपको बताया यदि आपका घर पहले से ही किराए पर दिया हुआ है अथवा भविष्य में किराए पर घर देने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए अब ज्यादा सावधानी बरतने के आदेश पारित किए गए हैं।
केंद्र सरकार और इनकम टैक्स विभाग ने अब किराए पर घर देने की प्रक्रिया को जटिल कर दिया है । अर्थात अब मकान मालिकों को इनकम टैक्स के नए नियम पालन करने होंगे और किराए के घर से होने वाली आय की घोषणा भी इनकम टैक्स फॉर्म में करनी होगी।
जानकारी के लिए बता दें इस आय को ‘इनकम फ्रॉम हाउस/ प्रॉपर्टी’के रूप में घोषित करना प्रत्येक मकान मालिक के लिए अनिवार्य कर दिया गया है ।
यदि कोई मकान मालिक इस नए नियम की अवहेलना करता है अथवा किसी प्रकार से किराए से होने वाली आय की पूरी घोषणा नहीं करता है तो ऐसे में इन मकान मालिको पर कड़े नियम लागू किए जाएंगे।
साथ ही, टैक्स चोरी और अघोषित आय को देखते हुए पेनल्टी भी वसूली जाएगी। अर्थात इन मकान मालिकों को ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा वही साथ ही साथ पेनल्टी का भुगतान भी करना होगा।
मकान मालिकों को क्या करना होगा
- सरकार द्वारा पारित किए गए नए नियमों के अनुसार मकान मालिकों को अब किराए के मकान से हुई कमाई पर टैक्स भुगतना होगा।
- इसके साथ ही मकान मालिकों को रेंट एग्रीमेंट भी बनवाना होगा ।
- वहीं ऐसे भी कई सारे मकान मालिक होते हैं जो किराए की रकम को काफी कम दिखाते है अब उन्हें एग्रीमेंट में ही इस संपूर्ण रकम की जानकारी देनी होगी ।
- और एग्रीमेंट में किराएदार के सिग्नेचर भी लेने होंगे।
- वहीं मकान मालिक यदि टैक्स रिबेट का लाभ उठाना चाहते हैं तो उन्हें किराए की पूरी आय को घोषित करना आवश्यक होगा।
मकान मालिकों को क्या राहत मिलेगी
- इनकम टैक्स विभाग द्वारा पारित किए गए इस नए नियम के अंतर्गत मकान मालिकों को कुछ हद तक राहत भी दी जा रही है अर्थात सरकार मकान मालिकों को प्रॉपर्टी से होने वाली आय पर 30% तक टैक्स बचाने का अवसर दे रही है।
- जिसके अंतर्गत मकान मालिकों को अपनी आय का हिस्सा टैक्स के रूप में चुकाने की कोई आवश्यकता नहीं है ।
- हालांकि इस पूरे नियम के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि मकान मालिक टैक्स के नियमों का पालन करें और किराए के मकान से होने वाली आय की घोषणा खुद ही कर दे।
- मकान मालिक द्वारा आय की घोषणा करने के पश्चात सरकार खुद ही प्रॉपर्टी से होने वाली आय पर छूट देने की बात कर चुकी है।
नए नियम से सरकार को क्या फायदा होगा
- सरकार द्वारा बनाए गए इस नए नियम के अंतर्गत देश में टैक्स चोरी की घटनाओं में कमी आने की संभावना जताई जा रही है।
- इस नियम के पारित होने पर सरकार देश भर में किराए की प्रॉपर्टी / अघोषित संपत्ति/ भूमि, फ्लैट/ प्लाट / भवन का विवरण प्राप्त कर सकेगी।
वहीं सरकार द्वारा 30% तक टैक्स रीबेट देने की वजह से मकान मालिक बिना किसी झिझक के अपनी आय इनकम टैक्स फॉर्म में घोषित कर पाएंगे जिससे सरकार के राजस्व में वृद्धि भी होगी।
कुल मिलाकर इनकम टैक्स विभाग और केंद्र सरकार द्वारा पारित किये इस नए नियम से दीर्घकाल में मकान मालिक और सरकार दोनों को लाभ देखने को मिलेंगे।