Ratan Tata Will : रतन टाटा अब इस दुनिया में नहीं है। इस महीने की शुरुआत में उनका निधन हो गया था। अब रतन टाटा की वसीयत सामने आई है। दरअसल रतन टाटा के वसीयत को लेकर कई लोगों के सवाल थे।
बता दे की रतन टाटा अपने पीछे 10000 करोड़ की संपत्ति छोड़कर गए हैं। हालांकि अपनी संपत्ति में से उन्होंने बड़ा हिस्सा टाटा फाउंडेशन के नाम किया है। जबकि ड्राइवर बटलर कुत्ते समेत अपने सबसे करीबी दोस्त शांतनु को भी हिस्सा दिया है।
हालांकि इन सबके बीच सबसे चौंकाने वाला सवाल यह है कि उनके सौतेले भाई नोएल टाटा का इस वसीयत में कहीं भी जिक्र नहीं है।
वसीयत में नोएल टाटा का जिक्र नहीं
रतन टाटा की वसीयत में टाटा इंडस्ट्री के वर्तमान अध्यक्ष नोएल टाटा का जिक्र नहीं होना, कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है।।।लोगों का कहना है कि दोनों भाइयों के रिश्ते अच्छे नहीं थे।
रतन टाटा ने अपने जीते जी कभी भी नोएल टाटा को अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाया था। पिछले कुछ सालों में मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दोनों भाई के रिश्ते को लेकर कई बातें कही जा रही थी
दोनों के रिश्ते बेहद जटिल थे। शायद इसी वजह से रतन टाटा ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाया है। जेआरडी टाटा ने रतन टाटा को अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाया था। वही नौरोजी सकलातवाला ने जेआरडी टाटा को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था
इंडिया.कॉम के मुताबिक दोनों भाइयों के बीच रिश्ते जटिल थे। नोएल टाटा, रतन टाटा के सगे भाई नहीं थे। उनके ज्यादा निकटता भी नहीं होने की बात कही जारी है।
वही यह भी कहा जाता है कि रतन टाटा को नोएल के अनुभव पर भी संदेह था। टाटा ग्रुप के अंदर कभी भी नोएल को बहुत बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई थी।
रतन टाटा अपने पीछे 10000 करोड़ की संपत्ति छोड़ गए
रतन टाटा अपने पीछे 10000 करोड़ की संपत्ति छोड़ कर गए हैं। अपनी वसीयत में उन्होंने परिवार और कर्मचारियों को अपने संपत्ति में हिस्सा दिया है जबकि इसका बड़ा हिस्सा टाटा ट्रस्ट को दिया गया है। बता दे की रतन टाटा ने अपने भाई जिम टाटा सहित सौतेली बहन शिरीन और जीजीभाई के लिए संपत्ति में प्रावधान किया है।
इसके अलावा उन्होंने अपने ड्राइवर बटर सहित रसोइयों के लिए भी इसमें प्रावधान किया है। बता दे की रतन टाटा ने अपने पालतू कुत्ते टीटो को भी अपनी वसीयत में खास ध्यान रखा है।
बटलर सुब्बैया के लिए भी प्रावधान
रतन टाटा ने 5 -6 साल पहले जर्मन शेफर्ड डॉग टीटो को गोद लिया था। साथ ही रतन के वसीयत के अनुसार को दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रतन टाटा की वसीयत उनके बटलर सुब्बैया के लिए भी प्रावधान किया गया है।
इसके साथ ही रतन टाटा के वसीयत में एग्जीक्यूटिव अस्सिटेंट शांतनु नायडू का भी नाम है। रतन टाटा ने नायडू के वेंचर गुड फेलो में अपनी हिस्सेदारी छोड़ दी है। इसके साथ उन्होंने नायडू के फॉरेन एजुकेशन के लिए लिया गया पर्सनल लोन भी माफ कर दिया है।