Sahara India Refund : देश के लाखों निवेशक वर्षों से सहारा इंडिया में फंसे अपने पैसे की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। कई सालों बाद भी निवेशकों को उनकी रकम वापस नहीं मिली है। इसी बीच Sahara India के निवेशकों के लिए अच्छी खबर सामने आई है।
हैदराबाद के एक जिला उपभोक्ता फोरम ने सहारा इंडिया लिमिटेड के खिलाफ एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इस फैसले के तहत सहारा इंडिया को एक वरिष्ठ नागरिक को 9% वार्षिक ब्याज के साथ 7 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया है।
यह आदेश उस समय आया जब फर्म ने शिकायतकर्ता द्वारा सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बावजूद मैच्योरिटी के बाद जमा राशि जारी नहीं की।
देश के लाखों निवेशकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। वर्षों से अपनी मेहनत की कमाई को सहारा इंडिया में फंसा देखकर परेशान निवेशकों के लिए यह खबर उम्मीद की किरण है।
क्या है मामला?
शिकायतकर्ता राज कुमारी तिवारी ने सहारा इंडिया लिमिटेड में 2012 में 15 सावधि जमा (FD) किए थे, जिनकी मैच्योरिटी के बाद प्रत्येक की राशि 47,016 रुपये थी।
2020 में जब मैच्योरिटी की अवधि पूरी हुई, तो उन्होंने कई बार सहारा के दफ्तर में जाकर अपनी राशि की मांग की। लेकिन परिपक्वता के बाद भी उन्हें रकम वापस नहीं मिली।
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उन्होंने जून 2020 के बाद कई बार सहारा इंडिया से संपर्क किया, लेकिन उनके अनुरोधों को अनदेखा किया गया। कई प्रयासों के बावजूद भी उन्हें अपनी रकम वापस नहीं मिली।
महिला को सहारा इंडिया के दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़े
राज कुमारी तिवारी ने सहारा इंडिया के दफ्तरों के कई चक्कर लगाए, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसके बाद, उन्होंने 15 नवंबर, 2022 को उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई और पैसे की वापसी और मुआवजे की मांग की।
शुरुआती रिफंड मिला, लेकिन समस्या बरकरार
फोरम के सुझाव पर तिवारी ने सहारा इंडिया के ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया, जिसके बाद उन्हें 10,000 रुपये की शुरुआती राशि वापस मिली। लेकिन बड़ी रकम के लिए कई दस्तावेज जमा करने के बाद भी उन्हें सही जानकारी नहीं मिली।
जब उन्होंने दावे की प्रक्रिया दोबारा शुरू की, तो उन्हें बताया गया कि पोर्टल केवल 5 लाख रुपये तक की राशि के दावों को स्वीकार कर रहा है।
7,05,240 रुपये ब्याज सहित लौटाने का निर्देश
फोरम ने पाया कि सहारा इंडिया ने आयोग से नोटिस प्राप्त करने के बावजूद सुनवाई में उपस्थित होने या कोई लिखित बयान देने में असफल रही।
इसके बाद, फोरम ने इसे एकपक्षीय मामला घोषित कर दिया और सहारा इंडिया की निष्क्रियता को लापरवाही व अनुचित व्यापार व्यवहार के रूप में माना। फोरम ने सहारा इंडिया को 9% वार्षिक ब्याज के साथ 7,05,240 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया।
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फैसले की मुख्य बातें:
- निवेश की तारीख: जून 2012
- परिपक्वता की तारीख: जून 2020
- ब्याज दर: 9% प्रति वर्ष
- शिकायत दर्ज की गई: 15 नवंबर, 2022
- फोरम का निर्णय: 7,05,240 रुपये की राशि ब्याज के साथ लौटाने का आदेश
- शुरुआती रिफंड: 10,000 रुपये
खत्म होगी निवेशकों की परेशानी?
सहारा इंडिया में अपने पैसे फंसा चुके लाखों निवेशकों की मुश्किलें लंबे समय से जारी हैं। हैदराबाद उपभोक्ता फोरम के इस फैसले से सहारा इंडिया के हजारों अन्य निवेशकों को भी उम्मीद है कि उनके लंबित पैसे जल्द ही उन्हें वापस मिल सकते हैं।