Savings Account Rules: आजकल के महंगाई के दौर में कमाई के साथ-साथ बचत बचत करना भी बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। अधिकांश लोग अपने पैसों को सुरक्षित रखने के लिए बैंक में सेविंग्स अकाउंट का सहारा लेते हैं।
आपने भी किसी न किसी बैंक में सेविंग्स अकाउंट जरूर खुलवाया होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके इस बचत खाते से जुड़े कुछ ऐसे नियम भी हैं जिनका पालन करना अनिवार्य है? इन नियमों को नजरअंदाज करने से आपको लाखों का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इस लेख में आइए जानें वे महत्वपूर्ण नियम जो आपके सेविंग्स अकाउंट से जुड़े हैं और जिन्हें हर खाताधारक के लिए जानना जरूरी है।
Savings Account Rules से जुड़े जरूरी नियम
- एक साल में अधिकतम जमा राशि की सीमा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक साल में सेविंग्स अकाउंट में जमा की जाने वाली राशि पर एक सीमा तय की है। यदि आप अपने खाते में सालाना 10 लाख रुपये तक जमा करते हैं, तो इस पर किसी विशेष निगरानी की आवश्यकता नहीं होती।
लेकिन यदि इस सीमा से अधिक पैसे खाते में जमा होते हैं, तो बैंक इसकी सूचना आयकर विभाग को भेज देता है। इसके बाद आयकर विभाग द्वारा नोटिस मिल सकता है, जिसमें आपको अतिरिक्त राशि के स्रोत का प्रमाण देना होता है।
नोट:
- सीमा से अधिक राशि जमा करने पर बैंक तुरंत आयकर विभाग को जानकारी देता है।
- आपके पास इस राशि का प्रमाण न हो, तो आपको पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है।
2. दैनिक कैश ट्रांजेक्शन सीमा
RBI ने एक दिन में कैश ट्रांजेक्शन की भी सीमा निर्धारित की है। एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक का कैश ट्रांजेक्शन करने पर पाबंदी है। इसमें खाते से निकाला गया कैश, किसी अन्य अकाउंट में ट्रांसफर किया गया कैश, या भुगतान के रूप में इस्तेमाल किया गया कैश शामिल है।
ध्यान दें:
- 2 लाख से अधिक का कैश ट्रांजेक्शन करने पर इनकम टैक्स विभाग नोटिस भेज सकता है।
- कैश ट्रांजेक्शन लिमिट के उल्लंघन पर 100 प्रतिशत पेनल्टी लगाई जा सकती है।
कैश डिपॉजिट से जुड़े नियम
50,000 रुपये तक की कैश जमा पर पैन कार्ड की आवश्यकता नहीं होती है। यदि आप एक दिन में 50,000 रुपये से अधिक जमा करते हैं, तो पैन कार्ड अनिवार्य होता है।
इसके अतिरिक्त, 2 लाख रुपये या उससे अधिक की डिपॉजिट पर इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 269ST के तहत पेनल्टी लगाई जा सकती है।
क्यों है इन नियमों का पालन जरूरी?
- कर (टैक्स) बचाव
अगर आपकी कमाई और खर्च अधिक हैं, तो आपके हर लेन-देन पर आयकर विभाग की नजर होती है। आपके सभी ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड रखा जाता है, ताकि किसी भी प्रकार की टैक्स चोरी से बचा जा सके। - कानूनी पेनल्टी से बचाव
अगर खाताधारक किसी बड़ी राशि का स्रोत नहीं बता पाता है, तो आयकर विभाग उस पर 60% टैक्स, 25% सरचार्ज और 4% सेस वसूल कर सकता है। इसलिए अपने सभी वित्तीय लेन-देन का उचित रिकॉर्ड रखें और किसी भी शंका के समाधान के लिए तैयार रहें।