संतोष चौहान (दंतेवाड़ा)। नगर पालिका दंतेवाड़ा इस कदर बेलगाम हो चुका है कि अब यहां के अधिकारी-कर्मचारियों को कलेक्टर से की गई शिकायत का भी कोई असर नहीं पड़ रहा।
नगरवासी अपनी समस्याओं के निपटारे के लिए पालिका की चौखट पर सर पटक पटक कर थक जा रहे हैं मगर यहां बैठे मगरूर सीएमओ हो, अकर्मण्य कर्मचारी हो अथवा नगर पालिका में चुनकर आए जनप्रतिनिध हो, किसी को भी जनता की समस्याओं से कोई मतलब नहीं रह गया है।
उदाहरण के तौर पर एक नल कनेक्शनधारी महिला की समस्या को देखकर स्वयं अंदाजा लगाया जा सकता है कि दंतेवाड़ा में नगर पालिका की व्यवस्था किस कदर लचर, भ्रष्ट एवं खराब हो चुकी है।
गौरतलब है की नगर के वार्ड क्रमांक-05 की निवासी महिला आरती गुप्ता बीते एक महीने से खराब नल कनेक्शन को सुधरवाने नगरपालिका के चक्कर लगा रही है मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
पीड़ित आरती गुप्ता ने बताया कि बीते दो माह से उनके घर में पानी नहीं आ रहा था जिसके बाद सितंबर में उन्होने पालिका में लिखित शिकायत करते हुए नल कनेक्शन को ठीक किए जाने की मांग की।
पखवाडे भर बाद पालिका के कर्मचारी आकर गढढा खोद कर छोड़ दिए और बोले कि मेन पाइप से पानी नहीं आ रहा है सड़क के दूसरे साइड में लगे पाइप से कनेक्शन जोडऩा पड़ेगा कहकर चले गए।
तदोपरांत 8 से 10 दिवस तक फिर दुबारा कोई कर्मचारी झांकने नहीं आया। जब पालिका ने कनेक्शन नहीं जोड़ा तो विवश होकर पीडित महिला ने 25 सितंबर 2023 को कलेक्ट्रेट पहुंचकर जनदर्शन दिवस पर कलेक्टर विनीत नंदनवार से मिलकर गुहार लगाई।
कलेक्टर से शिकायत के कई दिनों बाद भी जब कनेक्शन नहीं जोड़ा गया तो सब इंजीनियर राजेश को फोन कर पीडि़ता के सहयोगी संतोष ने समस्या से अवगत कराया। जिसके उपरांत राजेश ने कहा कि पीडबल्यूडी से रोड कटिंग की अनुमति ले लिजिए हम कनेक्शन जुडवा देंगे।
03 अक्टूबर को पीडबल्यूडी विभाग में राशि जमाकर रोड कटिंग की अनुमति भी ले ली गई अनुमति की कॉपी भी पालिका में जाकर जमा करा दिया गया। अनुमति के बाद जब पालिका से कनेक्शन जुड़वाने को कहा गया तो पालिका ने हीला हवाला शुरू कर दिया।
आज करेंगे कल करेंगे, अभी आपरेटर मजदूर नहीं हैं तो कभी कटिंग मशीन की समस्या है ऐसी बातें कहकर टाल मटोल करने लगे। थक हारकर पीडि़ता आरती ने स्वयं के खर्च पर मजदूर लगाकर रोड कटिंग का काम शुरू करवाया। जबकि नियमत: रोड कटिंग कर कनेक्शन जोडऩे तक का काम पालिका का होता है।
अब रोड कटिंग पूरा हो जाने बाद भी कनेक्शन देखने वाले पालिका के कर्मचारी कनेक्शन जोडऩे नहीं आ रहे हैं। जिसके चलते पीडित महिला उपभोक्ता के सामने पानी की विकट समस्या खड़ी हो गई है।
पीडि़ता आरती ने बताया कि उनके घर में केवल वे और उनकी 85 वर्षीय वृद्ध मां ही रहती है और कोई नहीं। पानी की सलाई महिनों से नहीं होने से बहुत ही ज्यादा परेशानी हो रही है।
पीडि़ता ने कई बार सीएमओ पवन मेरिया को समस्या बताने के लिए फोन किया मगर उहोने फोन रिसिव नहीं किया। कलेक्टर से शिकायत का भी कोई असर पालिका अधिकारी पर नहीं पड़ा।
बहरहाल देर सबेर कनेक्शन तो पालिका को देना ही होगा लेकिन इस तरह से आम लोगों को परेशान करके अगर कोई काम किया जाए तो वो काम किस काम का। एक छोटे से काम के लिए लोगों को नीचे से लेकर उपर तक दम लगाकर शिकायत करना पड़ रहा है उसके बावजूद भी आम लोगों की सुनवाई नहीं हो रही।
अंदाजा लगाया जा सकता है कि अफसरशाही जिले में किस कदर हावी हो चुका है। यह पूरा प्रकरण बेलगाम अफसरशाही का जीता जागता एक नमूना मात्र है ऐसे और भी तमाम शिकायतें हैं जिनका भी निराकरण नहीं हो पा रहा है न कोई सुनवाई हो रही है।