Transfer Policy : सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। उनके तबादला नीति में संशोधन को लेकर सर्कुलर जारी कर दिया गया है। विशेष परिस्थिति में ही विभागीय मंत्री के अनुमोदन से ट्रांसफर हो सकेंगे।
सभी विभागीय जिलों में कर्मचारियों के ट्रांसफर की प्रक्रिया जल्दी शुरू होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग मध्य प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय दुबे स्पष्ट किया गया कि प्रदेश में ट्रांसफर पर प्रतिबंध के दौरान विशेष परिस्थितियों में प्रथम ड्यूटी और तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के ट्रांसफर आदेश विभाग के मंत्री के प्रशासनकिय अनुमोदन के बाद जारी किए जा सके।
ट्रांसफर की प्रक्रिया जल्दी शुरू
मध्य प्रदेश ट्रांसफर पॉलिसी के नियम की बात करें तो प्रबंध अवधि में तथा स्थानांतरण नीति से हटकर समानता केवल निम्न अपवादित स्थिति में प्रथम द्वितीय श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर आदेश विभाग के मंत्री के प्रशासन किए अनुमोदन के उपरांत जारी किए जाएंगे।
कर्मचारियों के निलंबन, त्यागपत्र, रिटायरमेंट, पदोन्नति और प्रतिनिधि से वापसी और कर्मचारियों के निधन के बाद खाली हुए पद पर ट्रांसफर की नीति लागू होगी। इसके संबंध में विभाग को यह मत दिया गया कि लोकहित में उसे पद की पूर्ति पर प्रतिबंध की अवधि में की जानी आवश्यक है। इसे खाली पद जो संबंधित स्थानीय प्रदेश अधिकारी एक कर्मचारी के ट्रांसफर से उत्पन्न हुआ है। उसमें शामिल नहीं किया जाएगा।
तत्कालीन आवश्यकता के आधार पर ट्रांसफर आदेश जारी
गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, लकवा, हार्ट अटैक आदि के बाद स्थिति से तत्कालीन आवश्यकता के आधार पर ट्रांसफर आदेश जारी किए जाएंगे। सरकारी कर्मचारियों के अत्यंत गंभीर शिकायत में विभाग द्वारा मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियम 1965 के उल्लंघन में अनुशासन में कार्रवाई प्रारंभ की जा चुकी है। उनके ट्रांसफर पर रोक लगाई जाएगी।
लोकायुक्त संगठन, EOW और पुलिस के द्वारा संबंधित सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने और कोर्ट में अभियोजन के कार्रवाई शुरू करने पर जांच प्रभावित न हो। इसके लिए ट्रांसफर किया जाना आवश्यक होगा। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 29 जनवरी को जारी की आदेश के बाद अब जल्दी ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके साथ ही कई अधिकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर किए जाने हैं।