UGC Draft On Faculty Recruitment : यूजीसी द्वारा नियम बदलाव किया जा रहा है। शिक्षा मंत्री द्वारा उसकी जानकारी दी गई है। 6 जनवरी को यूजीसी के नए नियम का ड्राफ्ट जारी किया गया है। यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार के अनुसार नए नियम का मकसद शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव करना है और उन्हें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्षण के साथ जोड़ना है।
ड्राफ्ट यूनिवर्सिटी और कॉलेज में शिक्षक और अकादमी के स्टाफ की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता नियम 2025 के संबंध में जारी किया गया है। इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे।
नियुक्ति के लिए योग्यता मानदंड में बदलाव
ड्राफ्ट के अनुसार यूजीसी उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षित नियुक्ति के लिए योग्यता मानदंड में बदलाव करने जा रहे हैं।
नई दिशा निर्देश
- उम्मीदवारों को ग्रेजुएशन PG और PhD में एक ही विषय से पढ़ाई करनी होती है। तभी वह शिक्षक बन सकते हैं लेकिन नई दिशा निर्देश के अनुसार उम्मीदवार यूजीसी नेट या PhD विषय से संबंधित शिक्षक पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे। भले ही उनकी पिछली योग्यता किसी और विषय में हो।
- नए नियम का उद्देश्य यूनिवर्सिटी को शिक्षकों की नियुक्ति में ज्यादा लचीलापन लाना है। अलग-अलग विषय और कौशल वाले उम्मीदवारों की नियुक्ति पर भी विचार किया जाएगा।
- नए नियम के अनुसार अब जरूरी नहीं है। किसी के पास PhD यूजीसी नेट की योग्यता नहीं हो तो भी प्रैक्टिस के प्रोफेसर योजना के तहत इंडस्ट्री में काम कर रहे लोगों को भी इसके लिए नियुक्त किया जा सकेगा।
- यूजीसी अध्यक्ष ने बताया कि अभी टीचर भर्ती में अकादमी प्रदर्शन पेपर प्रकाशित करना और अकादमिक परफॉर्मेंस इंडिकेटर पॉइंट पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। UGC के नए नियम के अनुरूप ही इसे तैयार किया जाएगा।