UGC New Rule for UG-PG : देश में नई शिक्षा नीति लागू होने वाली है। जिससे ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में दाखिला पाने वाले छात्रों के लिए सिस्टम बदल जा रहा है। एग्जाम और मूल्यांकन के सिस्टम में बदलाव किया जाएगा। एक सेमेस्टर के आखिर में होने वाले परीक्षाएं केवल मूल्यांकन में नंबर पाने का आधार नहीं रहेगा बल्कि हर कोर्स में अब निरंतर मूल्यांकन के नियम लागू होंगे।
यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार ने इसकी जानकारी दी है।उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में निरंतर मूल्यांकन को लागू करने से पूरे वर्ष छात्रों को सीखने की क्षमता की निगरानी आसानी से हो सकेगी। साथ ही असाइनमेंट निबंध प्रोजेक्ट और रिपोर्ट से क्रिटिकल थिंकिंग का भी आकलन किया जाएगा।
इसके अलावा शॉर्ट क्विज, सेमिनार, ग्रुप एक्टिविटी, रूटिंग वर्क के माध्यम से रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा। रेगुलर फीडबैक दिए जाएंगे। जिससे छात्रों को फायदा होगा। वही सेमेस्टर के दौरान ही कर्मियों को दूर किया जा सकेगा।
बदलेंगे लिखित परीक्षा के पैटर्न
जारी नए नियम के स्पष्ट उल्लेख है कि सेमेस्टर सिलेबस के आखिर में होने वाली परीक्षा के अलावा यूनिट टेस्ट, छात्रों के विभिन्न विषयों के प्रेजेंटेशन और क्लास में परफॉर्मेंस के आधार पर उन्हें नंबर दिए जाएंगे।
यूनिवर्सिटी परीक्षा में वर्षों से चले आ रहे लिखित परीक्षा के पैटर्न बदलेंगे। यूनिवर्सिटी के अकादमी का एग्जीक्यूटिव काउंसिल तय करेगी कि अलग-अलग विषयों में परीक्षा के पैटर्न क्या होंगे? ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन और MCQ एग्जाम का पैटर्न भी रहेगा।
हाइब्रिड मोड में ही परीक्षा
हाइब्रिड मोड में ही परीक्षा कराई जा सकती है। इसके अलावा मौखिक परीक्षाएं भी आयोजित की जाएगी। इसके आधार पर स्कूल तय किया जाएगा। वही प्रेजेंटेशन सहित फील्ड वर्क को महत्व दिया जाएगा।
अगर कोई ग्रेजुएशन के दौरान पहले साल दूसरे साल बाद एग्जिट करता है तो वह अब आसानी से वापसी कर सकता है। यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार का कहना है कि 3 वर्ष के भीतर छात्र वापसी कर सकते हैं।
पहले साल के बाद एग्जिट करते हैं तो 3 साल के अंदर दूसरे वर्ष में एडमिशन ले सकते हैं। दूसरे वर्ष के बाद एग्जिट करते हैं तो तीसरे वर्ष में भी 3 साल के अंदर वापसी कर सकते हैं। मल्टीप्ल एंट्री और एग्जिट सिस्टम के लिए कोई अप्पर लिमिट नहीं है। छात्र आसानी से वापसी कर सकते हैं।
मेरिट बनाते समय किसी भी तरह का भेदभाव नहीं
यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि चाहे छात्र रेगुलर से 12वीं पास हो या फिर ओपन सिस्टम से कोई भेदभाव नहीं होगा। दोनों सिस्टम से पास होने वाले छात्र ग्रेजुएशन और इंटीग्रेटेड अंडरग्रैजुएट पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम में एडमिशन लेने के हकदार होंगे। मेरिट बनाते समय इन छात्रों से किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा।