UGC Draft On Faculty Recruitment : यूजीसी द्वारा शिक्षक भर्ती के लिए अब नियम में बदलाव किया जा रहा है। इसके लिए नया ड्राफ्ट लाने की तैयारी की जा रही है।
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन उर्फ़ यूजीसी फैकल्टी भर्ती नियमन का ड्राफ्ट लाने की तैयारी कर रहा है। इस नियम के आने के बाद कॉलेज और विश्वविद्यालय में भर्ती के नियम में बदलाव किया जाएगा।
इसके साथ ही उद्यमिता स्टार्टअप जैसे नए क्षेत्र और उद्योग भागीदारी को देखते हुए पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री धारकों को सीधे कॉलेज और विश्वविद्यालय में बतौर फैकल्टी नियुक्ति दी जा सकेगी।
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यूजीसी के अध्यक्ष की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक यदि कोई उम्मीदवार ग्रेजुएशन और PhD में अलग-अलग विषय पढ़ता है तो उसे भी शिक्षक के रूप में भर्ती किया जा सकेगा। यूजीसी चेयरमैन के मुताबिक शोध पर जरूर से ज्यादा जोर दिया जाएगा।
छात्रों के अंदर विकसित होंगे जरूरी कौशल
वर्तमान समय में रिसर्च के लिए गैर प्रमाणित और संदिग्ध प्रमाण पेश किए जाते हैं। जिसमें चीज बेहतर होकर बाहर नहीं आ रही है।ऐसे में इस शोध को बदलने के लिए शोध पर जरूर से ज्यादा काम किया जाएगा।
ताकि आने वाले समय में समाज और उद्योग के लिए जरूरी कौशल छात्रों के अंदर विकसित हो सके और युवा बाहर आकर कार्य को अच्छी तरह से पूरा कर सके। यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के नए सिरे से लागु करना होगा।
2018 के नियम फिर से पुराने पड़ गए हैं। अभी स्टार्टअप और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में श्रेष्ठता के लिए तुलनात्मक रूप से इस पर काम किया जा रहा है।
भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रतिस्पर्धा में सुधार लाने और देश के विकास में योगदान के लिए फैकल्टी स्टाफ में प्रतिभा को भर्ती करना पड़ेगा। इसके बाद ही छात्रों में इसके गुण विकसित हो सकते हैं।
क्या होगा बदलाव
बता दे कि नए नियम के तहत विश्वविद्यालय कॉलेज में शिक्षक और अन्य अकादमी स्टाफ की नियुक्ति की न्यूनतम योग्यता और तय किए गए मानक बरकरार रखने के लिए 2018 के नियम में बदलाव की तैयारी की जा रही है।
पुराने नियम के अनुसार अभी तक 4 वर्ष ग्रेजुएशन, PG के साथ phD होना भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता है। इसके साथ इस नियम के मुताबिक अभी तक ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएट और एचडी एक ही विषय से होना अनिवार्य है।
अब इसमें बदलाव किए जाने की तैयारी है। 6 महीने में इस पर विस्तृत समीक्षा की जाएगी। इसके लिए ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है।