Pensioners Pension : पेंशनर्स के लिए बड़ी अपडेट है। पेंशन से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार के वैसे कर्मी, जो केंद्र सरकार के विभाग में डेपुटेशन पर काम कर रहे हैं, वह पेंशन के हकदार नहीं होंगे।
केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 1972 के तहत उन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा। जस्टिस संजीव खन्ना और संजय कुमार की खंडपीठ ने हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया है। इसके साथ ही मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
सेवा को पेंशन लाभ के लिए गिना जाएगा?
बता दे कि मामला तमिलनाडु की एक सरकारी कर्मचारी से जुड़ा है। जिन्होंने राज्य सरकार में अपनी सेवा के दौरान केंद्र सरकार के एक विभाग में डेपुटेशन पर काम किया था। उनकी सेवा पूरी होने के बाद उन्होंने केंद्र सरकार के पेंशन नियम के तहत पेंशन की मांग की। ऐसे में मद्रास हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला देते हुए कहा था कि केंद्र सरकार में उनकी सेवा को पेंशन लाभ के लिए गिना जाएगा।
पेंशन का अधिकार नहीं
केंद्र सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। केंद्र की तरफ से कहा गया की याचिकाकर्ता केवल डेपुटेशन पर काम कर रहे थे और केंद्रीय सेवा नियम के तहत उन्हें पेंशन का अधिकार नहीं है।
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बात को सही माना है और सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलट से भी साफ कर दिया है कि डेपुटेशन पर काम करने वाले कर्मचारियों को केंद्रीय पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा।ऐसे में इन कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। अब केंद्र में काम करने वाले राज्य कर्मचारी अधिक पेंशन के हकदार नहीं होंगे।