जो भी व्यक्ति आज नौकरी करता है, उसके सैलेरी स्ट्रक्चर के अनुसार मिलने वाली सैलरी में से EPFO अकाउंट में पैसा काटा जाता है, जो कि, आपको रिटायरमेंट के दौरान मिलता है। इस EPF की कटने वाली 12% की राशि के आपको कई सारे फायदे भी देखने को मिलते हैं, जैसे –
पेंशन का फायदा
यदि आप की सैलरी से भी PF (प्रोविडेंट फंड) के तहत पैसा काटा जा रहा है तो, यह पैसा दो हिस्सों में जमा होता है। EPF यानी इंप्लॉई प्रॉविडेंट फंड और EPS यानी इंप्लॉई पेंशन स्कीम। जिसके तहत 12 फ़ीसदी तक आपकी सैलरी से पैसा लिया जाता है। इसके माध्यम से आपकी पेंशन तैयार होती है और आपके 58 साल की उम्र के बाद आपको यह राशि पेंशन के रूप में प्रदान की जाती है, इसके लिए 10 साल की नौकरी होना आवश्यक है।
नॉमिनेशन का मिलता है फायदा
वही आप EPF अकाउंट से किसी को भी नॉमिनी बना सकते हैं, यदि किसी स्थिति में व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी को PF का पूरा पैसा मिलता है।
VPF में भी किया जा सकता है, निवेश
कर्मचारी EPF के साथ साथ, VPF यानी Voluntary Provident Fund में भी आसानी से निवेश कर सकता है। यह बेसिक सैलरी से एक्स्ट्रा कंट्रीब्यूशन होता है जो कि, आप PF अकाउंट में डाल सकते हैं, जिसका फायदा आपको आगे मिलता है।
पैसे निकालने के लिए नियम
पैसा निकालने की भी कुछ नियम इसमें निर्धारित किए गए हैं। आप अपने नौकरी बदलते हैं तो, आप आराम से PF अकाउंट से पैसा नहीं निकाल सकते हैं। इसके लिए आपको दो महीना तक लगातार नौकरी करना होती है और पैसे भी ट्रांसफर तभी किया जाता हैं, जब आप दूसरी नौकरी पा लेते हैं।
बिच में भी निकाल सकते है, पैसा
पैसे निकालने के लिए कुछ और भी नियम बनाए गए हैं। आपको बता दे की, आप एक साथ पूरा पैसा नहीं निकाल सकते हैं। इसके लिए कुछ लिमिट तय की गई है। लेकिन यदि आप अपने भाई बहन या फिर अपने बच्चों की शादी करना चाहते हैं तो, इसमें से पैसा निकाल सकते हैं। यह अकाउंट शुरू होने के 7 साल के बाद 50% तक पैसा निकाला जा सकता है।
इंश्योरेंस का फायदा
जिस कम्पनी में आप नोकरी करते है, यदि उस कंपनी में लाइफ इंश्योरेंस बेनेफिट नहीं मिलता है तो, वहां कर्मचारियों को EDLI (Employees’ Deposit Linked Insurance) स्कीम के तहत लाइफ इंश्योरेंस भी प्रदान किया जा सकता है। लेकिन इसमे लाइफ इंश्योरेंस कवरेज काफी कम मिलता है।
EPF पर मिलता है, 8.15% ब्याज
सरकार द्वारा आपको EPF पर 8.15% की दर से सालाना ब्याज प्रदान करती है, लेकिन EPS वाले कॉर्पस पर कोई रिटर्न नहीं मिलता है। वही आपका जितना फंड जमा होता है, उतना ही फण्ड रिटर्न किया जाता है।