New IT Law : सरकार आगामी बजट की तैयारी कर रही है। 1 फरवरी को देश का बजट पेश किया जाएगा। बजट सत्र में एक नया आयकर विधेयक पेश किया जा सकता है। जिसका उद्देश्य वर्तमान आयकर कानून को सरल बनाना और इसे समझने योग्य बनाना है।
दरअसल इसके लिए मसौदा तैयार किया जा रहा है। नए आयकर कानून को सरल बनाने और इसे समझने योग्य बनाने के साथ ही 60% की कमी के साथ पृष्ठों की संख्या को पुनः निर्धारित किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई के बजट में 6 महीने के भीतर 6 दशक पुराने आयकर अधिनियम 1961 के व्यापक समीक्षा की घोषणा की थी।
नया आयकर कानून संसद के बजट सत्र में पेश?
सूत्रीय खबर के मुताबिक नया आयकर कानून संसद के बजट सत्र में पेश किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो आयकर विधेयक पेश किया जाएगा। यह एक नया कानून होगा, ना कि मौजूद कानून में संशोधन है।नए कानून के तहत वर्तमान कानून को समझने में राहत मिलेगी। वर्तमान में कानून के मसौदे पर विधि मंत्रालय विचार कर रहे और बजट सत्र के दूसरे भाग में इसे संसद में पेश किया जा सकता है। बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा और 4 अप्रैल तक चलेगा।
केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश
पहला भाग 31 जनवरी से 13 फरवरी के बीच आयोजित किया जाएगा। जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करने के साथ इसकी शुरुआत की जाएगी।इसके बाद 2024 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। वित्त वर्ष 2025 26 के लिए केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जाना है। संसद 10 मार्च को फिर से आरंभ होगी और 4 अप्रैल तक संचालित होगी।
जनता से भी सुझाव और सूचना आमंत्रित
आयकर अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा के लिए सीतारमण द्वारा बजट घोषणा के बाद सीबीडीटी ने समीक्षा की देखरेख और अधिनियम को समझने को आसान बनाने के लिए आंतरिक समिति का गठन किया था। जिसमें मुकदमेबाजी कम होगी और कर घटाव को अधिक कर निश्चितता मिलेगी। इसके लिए जनता से भी सुझाव और सूचना आमंत्रित की गई है।
आयकर विभाग की अधिनियम की समीक्षा के लिए हित धारकों को 6500 सुझाव प्राप्त हुए हैं। अभी के कानून में 298 धाराएं और 23 अध्याय हैं। जिसमें लोगों को इसे समझने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
इसके साथ ही नए आयकर कानून में भाषा का सरलीकरण किया जाएगा। जिससे मुकदमेबाजी में कमी आएगी। वही सूत्र की माने तो नए कानून में यह भी प्रयास किया जा रहा है कि कर की मात्रा में लगभग 60% की कटौती की जाए। सीतारमन ने जुलाई 2024 में अपने बजट भाषण में कहा था कि समीक्षा का उद्देश्य अधिनियम को संक्षिप्त स्पष्ट पढ़ने और समझने में आसान बनाना है।